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केंद्र ने दोहराया, UPI payments पर लेनदेन शुल्क लगाने का कोई प्रस्ताव नहीं

केंद्र सरकार ने स्पष्ट रूप से दोहराया है कि UPI पर लेन-देन शुल्क लगाने का कोई प्रस्ताव नहीं है। वित्तीय वर्ष 2021–22 से 24–25 तक जारी प्रोत्साहन योजना के तहत लगभग ₹8,730 करोड़ का समर्थन प्रदान किया गया।

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Ranjana Sharma

"IMF चौंक गया! VISA-MasterCard भी पीछे, जानिए — कैसे UPI ने भारत को बनाया दुनिया का डिजिटल पेमेंट बादशाह" | यंग भारत न्यूज Photograph: (Google)

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नई दिल्ली, आईएएनएस: केंद्र ने सोमवार को दोहराया कि यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस (यूपीआई)आधारित डिजिटल पेमेंट पर लेनदेन शुल्क लगाने का कोई प्रस्ताव नहीं है। यूपीआई ट्रांजैक्शन भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (एनपीसीआई) द्वारा सुगम बनाए जाते हैं और इसके 30 अगस्त 2019 के सर्कुलर ने अधिग्रहण करने वाले बैंकों को ट्रांजैक्शन वैल्यू के 0.30 प्रतिशत की दर से मर्चेंट डिस्काउंट रेट (एमडीआर) वसूलने की अनुमति दी थी।

लाभार्थी पर कोई शुल्क नहीं लगाएगा

वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में कहा, "हालांकि, भुगतान और निपटान प्रणाली अधिनियम 2007 की धारा 10A में प्रावधान है कि कोई भी बैंक या सिस्टम प्रदाता आयकर अधिनियम, 1961 की धारा 269एसयू के तहत निर्धारित इलेक्ट्रॉनिकमाध्यमों से भुगतान करने वाले भुगतानकर्ता या भुगतान प्राप्त करने वाले लाभार्थी पर कोई शुल्क नहीं लगाएगा। तदनुसार, केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने आयकर अधिनियम, 1961 की धारा 269एसयू के तहत यूपीआई और रुपे डेबिट कार्ड को भुगतान के निर्धारित इलेक्ट्रॉनिक तरीकों के रूप में अधिसूचित किया था। इकोसिस्टम पार्टनर्स द्वारा यूपीआई सर्विस की निरंतरता सुनिश्चित करने के लिए सरकार ने वित्त वर्ष 2021-2022 से वित्त वर्ष 2024-25 तक प्रोत्साहन योजना लागू की थी। राज्य मंत्री ने बताया, "इस अवधि के दौरान, सरकार ने लगभग 8,730 करोड़ रुपए का प्रोत्साहन समर्थन प्रदान किया है।

2025 में यूपीआई ने एक नई उपलब्धि हासिल की

यूपीआई ट्रांजैक्शन वित्त वर्ष 2017-18 में 92 करोड़ से बढ़कर वित्त वर्ष 2024-25 में 114 प्रतिशत के सीएजीआर के साथ 18,587 करोड़ हो गया। इसी अवधि के दौरान, ट्रांजैक्शन वैल्यू 1.10 लाख करोड़ रुपए से बढ़कर 261 लाख करोड़ रुपए हो गई। सरकार के अनुसार, जुलाई 2025 में यूपीआई ने एक नई उपलब्धि हासिल की, जब पहली बार एक ही महीने में 1,946.79 करोड़ से अधिक लेनदेन दर्ज किए गए। देश में डिजिटल भुगतान लेनदेन की कुल मात्रा वित्त वर्ष 2017-18 के 2,071 करोड़ से बढ़कर वित्त वर्ष 2024-25 में 22,831 करोड़ हो गई है, जो 41 प्रतिशत के सीएजीआर से बढ़ रही है। इसी अवधि के दौरान, ट्रांजैक्शन वैल्यू 1,962 लाख करोड़ रुपए से बढ़कर 3,509 लाख करोड़ रुपए हो गई।  UPI | upi payments in india

UPI upi payments in india
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