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छांगुर बाबा धर्मांतरण केस : ईडी की छापेमारी में विदेशी फंडिंग और कई संदिग्ध दस्तावेज बरामद

धर्मांतरण मामले में जमालुद्दीन उर्फ छांगुर बाबा के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बड़ी कार्रवाई की है। कई ठिकानों पर की गई छापेमारी में विदेशी फंडिंग और कई संदिग्ध दस्तावेज बरामद हुए हैं। 

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Mukesh Pandit
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दिल्ली, आईएएनएस। उत्तर प्रदेश में धर्मांतरण मामले में जमालुद्दीन उर्फ छांगुर बाबा के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बड़ी कार्रवाई की है। कई ठिकानों पर की गई छापेमारी में विदेशी फंडिंग और कई संदिग्ध दस्तावेज बरामद हुए हैं।  जांच एजेंसी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर पोस्ट करते हुए छांगुर बाबा के ठिकानों पर छापेमारी की जानकारी दी। 

 खतरा पैदा करने वाली गतिविधियों से संबंधित षड्यंत्र रचने के आरोप 

पोस्ट में लिखा, "ईडी की लखनऊ शाखा ने छांगुर बाबा व अन्य से संबंधित धन शोधन के एक मामले, जिसमें गैरकानूनी धर्मांतरण, विदेशी धन के उपयोग और राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए संभावित खतरा पैदा करने वाली गतिविधियों से संबंधित षड्यंत्र रचने के आरोप हैं, के संबंध में बलरामपुर, लखनऊ और मुंबई स्थित छांगुर बाबा, उनके करीबी सहयोगी नवीन रोहरा व अन्य से संबंधित 15 ठिकानों पर पीएमएलए, 2002 के प्रावधानों के तहत तलाशी अभियान चलाया। तलाशी अभियान के दौरान, विदेशों से धन प्राप्त करने और अचल संपत्ति अर्जित करने के लिए उसे विभिन्न लोगों को अंतरित करने के संकेत देने वाले विभिन्न अपराध-संकेती दस्तावेज बरामद कर जब्त किए गए हैं।"

छांगुर बाबा के 14 ठिकानों पर एक साथ छापे मारे थे

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इससे पहले ईडी ने गुरुवार को छांगुर बाबा के 14 ठिकानों पर एक साथ छापे मारे थे। इसमें बलरामपुर के उतरौला क्षेत्र में 12 स्थानों पर छापे मारे गए, जबकि मुंबई में दो ठिकानों (बांद्रा और माहिम स्थित रिजवी हाइट्स) पर प्रवर्तन निदेशालय की टीमों ने तलाशी अभियान चलाया। माहिम स्थित ठिकाना शहजाद शेख का निवास बताया जा रहा है, जिसे इस मामले में मुख्य आरोपी छांगुर बाबा का करीबी सहयोगी माना जाता है।

2 करोड़ की धनराशि शहजाद शेख के खाते में ट्रांसफर की गई 

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प्रारंभिक जांच में खुलासा हुआ है कि एक आरोपी के बैंक खाते से लगभग 2 करोड़ रुपए की धनराशि शहजाद शेख के खाते में ट्रांसफर की गई थी। इसमें से एक करोड़ रुपए से अधिक की रकम छांगुर बाबा के खातों से शेख के खाते में भेजी गई। प्रवर्तन निदेशालय को शक है कि इस धन का इस्तेमाल अवैध रूप से धर्मांतरण गतिविधियों में किया गया।

विदेश से जुड़े मिले फंडिंग के तार 

कोठी का निर्माण कार्य 2022 में शुरू हुआ था। स्थानीय लोगों के अनुसार, छांगुर ने शुरुआत में दावा किया था कि वह स्कूल या अस्पताल खोलना चाहता है, लेकिन बाद में यह स्पष्ट हो गया कि निर्माण किसी और उद्देश्य से हो रहा है। अब यह कोठी प्रशासन द्वारा गिरा दी गई है, हालांकि कुछ हिस्सा अब भी बचा है।एटीएस को छांगुर और उसके करीबियों के खातों में सौ करोड़ से अधिक की संदिग्ध विदेशी फंडिंग का सुराग मिला है। इनमें कई ऐसे लोग हैं जिन्होंने कभी विदेश यात्रा नहीं की, फिर भी उनके खातों में खाड़ी देशों से पैसा आया है।

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नसरीन के खाते में 14 करोड़ आए

छांगुर की बड़ी राजदार नीतू रोहरा उर्फ नसरीन थी। उसके खाते में चार माह में 14 करोड़ रुपये आए हैं। उन्हें तुरंत निकाल लिया गया। वहीं, उसके पति नवीन उर्फ जलालुद्दीन के खातों में भी 18 करोड़ रुपये जमा कराए गए हैं। जांच में पता चला है कि छांगुर ने लड़कियों को प्रेमजाल में फंसाने के लिए 1,000 मुस्लिम युवकों की फौज तैयार की थी। उसका जाल महाराष्ट्र, कर्नाटक, तमिलनाडु, बिहार और पश्चिम बंगाल तक फैला हुआ था।छांगुर अपने बेटे महबूब को दुनिया का सबसे अमीर आदमी बनाने का ख्वाब देख रहा था। धर्मांतरण से कमाई करने के साथ ही वह प्रापर्टी व अन्य कार्य करने की जमीन तैयार रहा था। वह बेटे को अरबपति बनाने के साथ ही टीम का मुखिया बनाना चाहता था।

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