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छांगुर बाबा मामले में बड़ा खुलासा, धर्मांतरण के लिए दुबई से बुलवाता था कट्टरपंथी मौलानाओं को

लखनऊ में गिरफ्तार जमालुद्दीन उर्फ छांगुर बाबा पर बड़े पैमाने पर अवैध धर्मांतरण रैकेट चलाने का आरोप है। उसने दुबई से मौलाना बुलाकर गरीबों को इस्लामिक ट्रेनिंग दिलाई और मधपुर में दो कोठियां बनवाकर उसमें विशेष कमरे तैयार किए।

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Shishir Patel
Chhangur Baba

छांगुर बाबा और नीतू ।

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लखनऊ वाईबीएन संवाददाता। अवैध धर्मांतरण मामले में गिरफ्तार किए गए जमालुद्दीन उर्फ छांगुर बाबा को लेकर जांच में एक के बाद एक चौंकाने वाले खुलासे हो रहे हैं। एटीएस की अब तक की जांच से स्पष्ट हुआ है कि वह एक संगठित साजिश के तहत धर्मांतरण का नेटवर्क खड़ा कर रहा था। इसके लिए उसने दुबई और नेपाल से कट्टरपंथी मौलानाओं को बुलाने की व्यवस्था की थी, जो गरीब और कमजोर तबके के लोगों को इस्लामिक शिक्षाएं देकर धर्म परिवर्तन के लिए प्रेरित करते थे।

छांगुर ने दो आलीशान कोटियों का कराया था निर्माण 

छांगुर ने बहराइच के मधपुर क्षेत्र में दो आलीशान कोठियों का निर्माण कराया था, जिनमें तहखाने जैसे विशेष कमरे बनाए गए थे। इन कमरों में एक साथ करीब 200 लोगों को प्रशिक्षण देने की व्यवस्था थी। योजना यह थी कि यहां रोजाना इस्लामिक प्रवचन (तक़रीर) कराए जाएं। कोठी के निर्माण की निगरानी खुद छांगुर करता था, और ऊपर से आने वाले फोन कॉल्स के आधार पर वह हर बार योजना बदल देता था—एक महीने में 36 बार नक्शा बदला गया।

शिजर-ए-तय्यबा किताब और प्रचार सामग्री

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छांगुर ने "शिजर-ए-तय्यबा" नामक एक विशेष किताब तैयार करवाई थी, जिसका उद्देश्य था इस्लाम को सरल भाषा में समझाकर लोगों को प्रभावित करना। सूत्रों के मुताबिक, अगली कड़ी में ऐसी किताबें भी तैयार की जा रही थीं जिनमें हिंदू देवी-देवताओं के विरुद्ध दुर्भावना फैलाई जा सके। वेशभूषा से लेकर सोच में परिवर्तन तक की पूरी प्रक्रिया चरणबद्ध तरीके से बनाई गई थी।

विदेश से जुड़े मिले फंडिंग के तार 

कोठी का निर्माण कार्य 2022 में शुरू हुआ था। स्थानीय लोगों के अनुसार, छांगुर ने शुरुआत में दावा किया था कि वह स्कूल या अस्पताल खोलना चाहता है, लेकिन बाद में यह स्पष्ट हो गया कि निर्माण किसी और उद्देश्य से हो रहा है। अब यह कोठी प्रशासन द्वारा गिरा दी गई है, हालांकि कुछ हिस्सा अब भी बचा है।एटीएस को छांगुर और उसके करीबियों के खातों में सौ करोड़ से अधिक की संदिग्ध विदेशी फंडिंग का सुराग मिला है। इनमें कई ऐसे लोग हैं जिन्होंने कभी विदेश यात्रा नहीं की, फिर भी उनके खातों में खाड़ी देशों से पैसा आया है।

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करीब छह देशों से फंड आने की चर्चा 

छांगुर को धर्म परिवर्तन कराने पर विदेशी फंड मिलने की जांच में चौंकाने वाले तथ्य सामने आया है। छांगुर के साथ ही नीतू और नवीन के खातों में अब सौ करोड़ से अधिक के फंड आने की पुष्टि हो चुकी है। अन्य खातों की जांच हो रही है। इसी बीच एटीएस के हाथ कई अहम जानकारी मिली है।विश्वस्त सूत्रों की मानें तो उतरौला क्षेत्र के हजारों लोग विदेशों में रहते हैं। जिनके खातों में तो उनके वेतन आदि का रुपया आता है। लेकिन तीन-चार लोगों का नाम ऐसा सामने आया है जो कभी विदेश नहीं गए और उनके खातों में बाहर देशों से रूपए आए हैं। जिन देशों से रुपए आए हैं, वह गल्फ कंट्री बताए जा रहे हैं। जहां से इस्लामिक मूवमेंट के लिए फंड दिए जाते हैं। छांगुर के इन करीबियों पर एटीएस की नजर बढ़ गई है। करीब छह देशों से फंड आने की चर्चा है। 

नसरीन के खाते में 14 करोड़ आए

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छांगुर की बड़ी राजदार नीतू रोहरा उर्फ नसरीन थी। उसके खाते में चार माह में 14 करोड़ रुपये आए हैं। उन्हें तुरंत निकाल लिया गया। वहीं, उसके पति नवीन उर्फ जलालुद्दीन के खातों में भी 18 करोड़ रुपये जमा कराए गए हैं। जांच में पता चला है कि छांगुर ने लड़कियों को प्रेमजाल में फंसाने के लिए 1,000 मुस्लिम युवकों की फौज तैयार की थी। उसका जाल महाराष्ट्र, कर्नाटक, तमिलनाडु, बिहार और पश्चिम बंगाल तक फैला हुआ था।छांगुर अपने बेटे महबूब को दुनिया का सबसे अमीर आदमी बनाने का ख्वाब देख रहा था। धर्मांतरण से कमाई करने के साथ ही वह प्रापर्टी व अन्य कार्य करने की जमीन तैयार रहा था। वह बेटे को अरबपति बनाने के साथ ही टीम का मुखिया बनाना चाहता था।

जांच जारी, जल्द हो सकते हैं और बड़े खुलासे

छांगुर का नेटवर्क गोंडा तक फैला हुआ था, जहां वह रमजान नाम के एक सहयोगी की मदद से जड़ें मजबूत कर रहा था। बताया जा रहा है कि छांगुर के पीछे कोई बड़ा मास्टरमाइंड था, जिससे उसे निर्देश मिलते थे। वह कभी भी स्मार्टफोन नहीं इस्तेमाल करता था, बल्कि पुराने कीपैड फोन से निर्देश प्राप्त करता था और उन्हें तुरंत लागू करता था।एटीएस की टीमें गोंडा और आसपास के इलाकों में भी जांच कर रही हैं। इस पूरे मामले में जल्द ही और नाम सामने आ सकते हैं। छांगुर से गहन पूछताछ और जब्त दस्तावेजों की पड़ताल जारी है।

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