नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क | केंद्र सरकार ने दो साल में पहली बार प्राकृतिक गैसकी कीमत में कटौती की है, जिससे सीएनजी (कंप्रेस्ड नेचुरल गैस) और पीएनजी (पाइप्ड नेचुरल गैस) की कीमतों में जल्द ही कमी आने की संभावना है। यह कटौती पेट्रोलियम मंत्रालय के तहत पेट्रोलियम नियोजन और विश्लेषण प्रकोष्ठ (PPAC) द्वारा जारी अधिसूचना के अनुसार की गई है।
सरकार ने बिना नीलामी के सार्वजनिक क्षेत्र की ओएनजीसी को आवंटित विरासती क्षेत्रों से उत्पादित गैस की कीमत 6.75 डॉलर से घटाकर 6.41 डॉलर प्रति 10 लाख ब्रिटिश थर्मल यूनिट (MMBTU) कर दी है। यह निर्णय अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट के चलते लिया गया है।
एपीएम गैस मूल्य निर्धारण में बदलाव
अप्रैल 2023 में सरकार ने एपीएम (एडमिनिस्ट्रेटेड प्राइस मैकेनिज्म) गैस के मूल्य निर्धारण के लिए एक नया फॉर्मूला लागू किया था। इसके अनुसार, गैस की कीमत को कच्चे तेल के मासिक औसत आयात मूल्य के 10% पर निर्धारित किया गया था, जिसकी सीमा न्यूनतम 4 डॉलर और अधिकतम 6.5 डॉलर प्रति MMBTU तय की गई थी। हालांकि, अप्रैल 2024 में अधिकतम सीमा बढ़ाकर 6.75 डॉलर कर दी गई थी, जो अब घटाकर 6.41 डॉलर कर दी गई है।
उपभोक्ताओं को मिलेगा लाभ
इस निर्णय से इंद्रप्रस्थ गैस लिमिटेड, महानगर गैस लिमिटेड और अडानी टोटल गैस लिमिटेड जैसी शहरी गैस वितरण कंपनियों को राहत मिलेगी। इन कंपनियों पर उत्पादन लागत बढ़ने का दबाव था, जो अब कम हो सकता है। संभावना है कि कंपनियां इस कटौती का लाभ उपभोक्ताओं को देकर सीएनजी और पीएनजी के दामों में राहत देंगी।
कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट
पिछले सप्ताह के अंतिम कारोबारी दिन क्रूड ऑयल के दामों में गिरावट देखी गई। WTI क्रूड फ्यूचर्स 0.25% या 0.15 डॉलर की गिरावट के साथ 60.79 डॉलर प्रति बैरल पर बंद हुआ, जबकि ब्रेंट क्रूड 0.90% या 0.57 डॉलर की गिरावट के साथ 62.78 डॉलर प्रति बैरल पर रहा।