Congress New Office: कांग्रेस के नए आफिस का पता होगा 9ए कोटला रोड
24, अकबर रोड के स्थान पर 9ए, कोटला रोड, नई दिल्ली कांग्रेस का नया मुख्यालय होगा। सोनिया गांधी बुधवार को इसका उद्घाटन करेंगी। छह मंजिला भवन का नाम इंदिरा भवन रखा गया है। इस भवन को पार्टी और उसके नेताओं की बढ़ती जरूरतों को ध्यान में रखकर डिजाइन किया गया है।
लगभग पांच दशक पुराने कांग्रेस पार्टी के मुख्यालय का पता 15 जनवरी से बदल जाएगा। कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी बुधवार को इसका उद्घाटन करेंगी। 24, अकबर रोड के स्थान पर 9ए, कोटला रोड, नई दिल्ली कांग्रेस का नया मुख्यालय होगा। छह मंजिला भवन का नाम इंदिरा भवन रखा गया है। आर्थिक संसाधनों की कमी के इसके निर्माण में लगभग डेढ़ दशक का वक्त लगा है।
कांग्रेस पार्टी के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल के अनुसार,कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी की उपस्थिति में कांग्रेस संसदीय दल की प्रमुख सोनिया गांधी नए एआईसीसी मुख्यालय इंदिरा गांधी भवन का उद्घाटन करेंगी। इस इमारत का निर्माण तभी शुरू हुआ था जब सोनिया गांधी पार्टी की अध्यक्ष थीं। 9ए कोटला मार्ग पर इंदिरा गांधी भवन को पार्टी और उसके नेताओं की बढ़ती जरूरतों को पूरा करने के लिए डिजाइन किया गया है। उद्घाटन समारोह में कांग्रेस कार्य समिति यानी सीडब्ल्यूसी के सदस्य, कांग्रेस संसदीय दल के पदाधिकारी, एआईसीसी पदाधिकारी, केंद्रीय चुनाव समिति के सदस्य, प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रमुख, सीएलपी नेता, सांसद, वर्तमान और पूर्व मुख्यमंत्री, पूर्व केंद्रीय मंत्री सहित करीब चार सौ वरिष्ठ नेता मौजूद रहेंगे।
कांग्रेस के नए भवन की इस इमारत का शिलान्यास वर्ष 2009 में हुआ था। उस समय केंद्र में कांग्रेस पार्टी के नेतृत्व वाली यूपीए सरकार थी और कांग्रेस पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी थीं। इस नये भवन में कांग्रेस के विभिन्न फ्रंटल संगठन, महिला कांग्रेस, युवा कांग्रेस और एनएसयूआई के भी दफ्तर स्थानांतरित किए जाएंगे। अब 26 अकबर रोड पर बने कांग्रेस सेवा दल के दफ्तर और 5 रायसीना रोड पर बने एनएसयूआई के दफ्तर को भी इसी नए इंदिरा भवन में ही स्थानांतरित कर दिया जाएगा।
24 अकबर रोड, पर कांग्रेस पार्टी का मुख्लायल 1978 में उस वक्त स्थानांतरित हुआ था जिस समय पार्टी अपने सबसे खराब दौर से गुजर रही थी। इंदिरा गांधी के नेतृत्व में पार्टी लोकसभा का चुनाव हार गई थी और पार्टी के बड़े नेता एक-एक करके छोड़कर जा रहे थे। वर्ष 1977 में इमरजेंसी के बाद जब चुनाव हुए, कांग्रेस को करारी शिकस्त का सामना करना पड़ा। इसके बाद कांग्रेस पार्टी में एक बार फिर बड़ी टूट हुई। उन्हीं परिस्थितियों में इंदिरा गांधी ने जनवरी 1978 में पार्टी के कार्यालय को यहां शिफ्ट किया। यह दिल्ली के लुटियंस इलाके का टाइप 7 बंगला था, जो आंध्र प्रदेश से राज्यसभा के सांसद जी वेंकटस्वामी के नाम पर आवंटित था। 24 अकबर रोड को कांग्रेस का मुख्यालय बेशक प्रतिकूल हालात में बनाया गया था, किंतु यह इमारत कांग्रेस पार्टी और इंदिरा गांधी के लिए काफी भाग्यशाली साबित हुई, क्योंकि 1980 के चुनाव में भारी बहुमत से कांग्रेस पार्टी की सत्ता में फिर वापसी हुई। यह मुख्यालय देश के चार प्रधानमंत्रियों इंदिरा गांधी, राजीव गांधी, पीवी नरसिम्हा राव और मनमोहन सिंह के अलावा सात पार्टी अध्यक्षों इंदिरा गांधी, राजीव गांधी, नरसिम्हाराव, सीताराम केसरी, सोनिया गांधी, राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खरगे के कार्यकाल का गवाह रह चुका है।
म्यांमार की नेता आंग सान सू की भी रह चुकीं है यहां
24 अकबर रोड का यह बंगला काफी अहम जगह हुआ करती थी। इसे बर्मा हाउस के नाम से भी जाना जाता था, यह नाम प्रथम प्रधानमंत्री पं. जवाहर लाल नेहरू ने दिया था, क्योंकि इस बंगले में म्यांमार की भारत में राजदूत डॉक्टर खिन काई अपनी बेटी आंग सान सू सी के साथ रहने आईं थीं। इसके अलावा इंडियन एयरफोर्स के चीफ का घर होने के अलावा यहां इंटेलिजेंस ब्यूरो की पॉलिटिकल सर्विलांस विंग का ऑफिस भी हुआ करता था।
इतिहास में जाएं तो दिल्ली में कांग्रेस का पहला कार्यालय जंतर-मंतर रोड पर था। देश की आजादी के बाद कांग्रेस ने अपना दफ्तर जब इलाहाबाद से दिल्ली शिफ्ट किया तो यह नया मुख्यालय 7 जंतर-मंतर रोड था। यह भवन साल 1969 तक कांग्रेस पार्टी का मुख्यालय रहा, परंतु 1969 में कांग्रेस पार्टी विभाजित हो गई। इंदिरा गांधी के प्रधानमंत्री बनने और वीवी गिरी के राष्ट्रपति चुने जाने के मुद्दे पर इंदिरा गांधी और कांग्रेस के पुराने नेताओं के बीच जबरदस्त विवाद हुआ और यह विवाद इतना बढ़ा कि पार्टी ही दो हिस्सों में टूट गई। पुराने नेताओं की पार्टी हुई कांग्रेस (ओ), जिसका मुख्यालय 7 जंतर-मंतर ही रहा जबकि इंदिरा गांधी ने अपनी पार्टी का नाम रखा कांग्रेस (आर)। अब इंदिरा गांधी को एक नए दफ्तर की जरूरत थी। तो कांग्रेस के पुराने नेता और नेहरू मंत्रिमंडल के सदस्य रहे एमवी कृष्णप्पा के घर विंडसर प्लेस को इंदिरा गांधी ने अपनी पार्टी के दफ्तर के तौर पर इस्तेमाल करना शुरू किया। वर्ष 1971 में पार्टी का दफ्तर 5 राजेंद्र प्रसाद रोड पर शिफ्ट हो गया और लेकिन वर्ष 1977 में इमरजेंसी के बाद जब चुनाव हुए और कांग्रेस पार्टी में एक बार और टूट हुई तो इंदिरा गांधी ने जनवरी 1978 में पार्टी मुख्यालय को 24 अकबर रोड पर शिफ्ट कर दिया और तब से लेकर यह अब तक पार्टी का मुख्यालय है।
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