कोलकाता, वाईबीएन नेटवर्क ।
Crime Latest Story : वेस्ट बंगाल की राजधानी कोलकाता शहर में एक हैरान कर देने वाली घटना सामने आई है, जहां CISF (केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल) के 5 जवानों ने इनकम टैक्स अधिकारी बनकर एक कारोबारी परिवार से 28 लाख रुपये की लूट को अंजाम दिया। इस घटना ने न केवल शहर में सनसनी फैला दी है, बल्कि सुरक्षा बलों की छवि को भी गंभीर रूप से धूमिल किया है।
घटना का विवरण
यह घटना 18 मार्च की तड़के कोलकाता के बागुईहाटी पुलिस थाना क्षेत्र के चिनार पार्क इलाके में हुई। पीड़ित परिवार ने पुलिस को बताया कि कुछ लोग इनकम टैक्स अधिकारी बनकर उनके घर में घुसे और तलाशी के नाम पर 28 लाख रुपये नकद और सोने के गहने लूट लिए। आरोपियों ने परिवार के सदस्यों के मोबाइल फोन भी छीन लिए, जिससे वे तुरंत पुलिस को सूचित न कर सकें।
कैसे हुआ खुलासा ?
परिवार को तब शक हुआ जब "इनकम टैक्स अधिकारियों" ने घर से निकलते समय कहा कि उन्हें किसी से संपर्क करने की आवश्यकता नहीं है, क्योंकि विभाग उनसे खुद संपर्क करेगा। कुछ घंटों के बाद, परिवार ने आयकर विभाग से संपर्क किया और उन्हें पता चला कि कोई आधिकारिक छापेमारी नहीं हुई है। इसके बाद, उन्होंने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई।
पुलिस की जांच और गिरफ्तारियां
पुलिस ने तुरंत मामले की जांच शुरू की और CCTV फुटेज की मदद से आरोपियों की पहचान की। जांच में पता चला कि इस लूट में CISF के पांच जवान शामिल थे। पुलिस ने सभी पांच जवानों को गिरफ्तार कर लिया है। गिरफ्तार किए गए जवानों की पहचान इंस्पेक्टर अमित कुमार सिंह, महिला कांस्टेबल लक्ष्मी कुमारी, हेड कांस्टेबल रामू सरोज, कांस्टेबल बिमल थापा और जनार्दन शाह के रूप में हुई है।
आरोपियों की पूरी योजना
पुलिस जांच में यह भी पता चला कि इस लूट की योजना पीड़ित परिवार की एक रिश्तेदार ने बनाई थी। रिश्तेदार का पीड़ित परिवार के साथ संपत्ति विवाद चल रहा था। उसने CISF इंस्पेक्टर अमित कुमार सिंह से संपर्क किया और लूट की योजना बनाई। योजना के अनुसार, लूट का पैसा आपस में बांटा जाना था।
CISF की आई प्रतिक्रिया
CISF ने इस घटना को गंभीरता से लिया है और आंतरिक जांच शुरू की है। CISF के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि वे इस घटना से बहुत दुखी हैं और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने यह भी कहा कि CISF अपनी छवि को सुधारने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाएगा।
इस घटना ने कोलकाता शहर में सनसनी फैला दी है। लोगों में सुरक्षा बलों के प्रति अविश्वास पैदा हो गया है। इस घटना ने यह भी सवाल उठाया है कि क्या सुरक्षा बलों के जवान इतने बड़े अपराध को अंजाम दे सकते हैं।
गिरफ्तार किए गए जवानों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 395 (डकैती), 419 (प्रतिरूपण द्वारा धोखाधड़ी), और 120 बी (आपराधिक साजिश) के तहत मामला दर्ज किया गया है। पुलिस मामले की जांच कर रही है और जल्द ही आरोप पत्र दाखिल करेगी।
कोलकाता में हुई यह घटना एक गंभीर अपराध है। इस घटना ने सुरक्षा बलों की छवि को धूमिल किया है और लोगों में अविश्वास पैदा किया है। पुलिस मामले की जांच कर रही है और दोषियों को जल्द से जल्द न्याय के कटघरे में लाया जाएगा।