पनामा, आईएएनएस। कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने कांग्रेस नेता उदित राज को नाम लिए बगैर 'अति उत्साही' बताया है। थरूर के मुताबिक उनके भारत के आतंकवाद विरोधी अभियान पर दिए बयान को 'निहित स्वार्थों' के लिए 'तोड़-मरोड़ कर' पेश किया जा रहा है। तिरुवनंतपुरम के सांसद ने पनामा से बोगोटा (कोलंबिया) जाते समय गुरुवार को एक्स पर लिखा कि वह स्पष्ट रूप से हालिया आतंकवादी हमलों की जवाबी कार्रवाई के बारे में बोल रहे थे न कि पिछले युद्धों के बारे में।
क्या है पूरा मामला
दरअसल, कांग्रेस नेता उदित राज ही नहीं, बल्कि पार्टी नेताओं के एक वर्ग ने पनामा में आतंकवादपर मोदी सरकार की 'जीरो टॉलरेंस नीति' की थरूर द्वारा की गई प्रशंसा पर नाराजगी जताते हुए उन्हें भाजपा का 'सुपर प्रवक्ता' करार दिया था। थरूर ने अपने कांग्रेसी सहयोगी का नाम लिए बिना उन पर निशाना साधा और एक्स पर लिखा, "एलओसी के पार भारतीय वीरता के बारे में मेरी कथित अज्ञानता के बारे में गुस्सा करने वाले उन अति उत्साही लोगों के लिए... मैं स्पष्ट रूप से कहना चाहूंगा कि केवल आतंकवादी हमलों के खिलाफ की गई कार्रवाई पर मैं बोल रहा था, न कि पिछले युद्धों के बारे में।"उन्होंने आगे लिखा, "आलोचक और ट्रोल्स" स्वतंत्र हैं अपने 'विकृत विचार' साझा करने के लिए क्योंकि उनके पास और भी बेहतर काम हैं।"
इच्छानुसार तोड़-मरोड़ कर पेश कर रहे
थरूर ने कहा कि उनकी टिप्पणियों से पहले हाल के वर्षों में हुए कई हमलों का संदर्भ दिया गया था। उन्होंने कहा- "मेरा बयान हाल के वर्षों में हुए कई हमलों को लेकर था, जिस दौरान एलओसी और आईबी पर जवाबी कार्रवाई नियंत्रित और बाधित दोनों थीं। लेकिन हमेशा की तरह, आलोचकों और ट्रोल्स मेरे विचारों और शब्दों को अपनी इच्छानुसार तोड़-मरोड़ कर पेश कर रहे हैं और मैं इसका स्वागत करता हूं।"
आतंकवाद पर भारत का रुख बदल गया
यह विवाद तब शुरू हुआ जब ऑपरेशन सिंदूर के बाद वैश्विक आउटरीच कार्यक्रम के हिस्से के रूप में बहुदलीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व कर रहे कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने कहा कि हाल के वर्षों में आतंकवाद पर भारत का रुख बदल गया है और आतंकवादी अब समझते हैं कि उन्हें अपने कार्यों के लिए परिणाम भुगतने होंगे। उनकी यह टिप्पणी उनके पार्टी सहयोगियों को पसंद नहीं आई, जिन्होंने इसे कांग्रेस के 'स्वर्णिम इतिहास' को 'कमजोर' करने की कोशिश बताते हुए तीखा हमला किया।
भाजपा का 'सुपर प्रवक्ता'
उदित राज ने कहा कि थरूर को भाजपा का 'सुपर प्रवक्ता' घोषित किया जाना चाहिए और दावा किया कि थरूर यह सुझाव देकर "कांग्रेस के स्वर्णिम इतिहास को बदनाम कर रहे हैं" कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार से पहले भारत ने कभी नियंत्रण रेखा (एलओसी) या अंतरराष्ट्रीय सीमा पार नहीं की। उदित राज ने कहा, "1965 में भारतीय सेना ने लाहौर सेक्टर में पाकिस्तानियों को चौंकाते हुए कई जगहों पर पाकिस्तान में प्रवेश किया। 1971 में, भारत ने पाकिस्तान को दो हिस्सों में विभाजित कर दिया और यूपीए सरकार के दौरान, बिना उनका राजनीतिकरण किए कई सर्जिकल स्ट्राइक किए गए। आप उस पार्टी के प्रति इतने बेईमान कैसे हो सकते हैं जिसने आपको इतना कुछ दिया?" कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने भी थरूर के ट्वीट को रीपोस्ट करके उदित राज के तीखे हमले का समर्थन किया।
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