किसानों की मांगों को लेकर संघर्ष कर रहे किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल को बुधवार देर रात करीब डेढ़ बजे जालंधर स्थित Punjab Institute Of Medical Sciences (PIMS)अस्पताल में कड़ी सुरक्षा के बीच लाया गया। पटियाला के बहादुरगढ़ किला से निकलने के बाद कयास लगाए जा रहे थे कि उन्हें मोहाली या लुधियाना अस्पताल ले जाया जाएगा, लेकिन सुरक्षा कारणों से गुपचुप तरीके से जालंधर लाया गया।
पिम्स अस्पताल के बाहर कड़ी सुरक्षा
रात 11 बजे से ही पिम्स अस्पताल के बाहर पुलिस सुरक्षा तैनात कर दी गई। तीन थानों की पुलिस और एसीपी सुरक्षा व्यवस्था संभाल रहे थे। किसी भी बाहरी वाहन को अस्पताल में प्रवेश की अनुमति नहीं थी। अस्पताल प्रशासन ने सीनियर डॉक्टरों की एक टीम को इमरजेंसी में बुला लिया।
गुपचुप तरीके से एंबुलेंस की एंट्री
अस्पताल में बाहरी वाहनों को फोन पर पुष्टि के बाद ही अंदर जाने दिया गया। देर रात तक किसी को अंदाजा नहीं था कि सुरक्षा इतनी कड़ी क्यों की गई है। बाद में पता चला कि किसान नेता डल्लेवाल को एंबुलेंस में लाकर अस्पताल में भर्ती कराया गया। मीडिया कर्मी अस्पताल के मुख्य द्वार पर इंतजार करते रहे, लेकिन पुलिस सुरक्षा के चलते एंबुलेंस को इमरजेंसी गेट से अंदर ले जाया गया।
किसान संगठन मौके पर नहीं पहुंच पाए
देर रात होने के कारण कोई भी किसान संगठन मौके पर नहीं पहुंच सका। पुलिस ने इस पूरे घटनाक्रम पर कोई बयान देने से इनकार कर दिया। डल्लेवाल के पहुंचने के बाद डॉक्टरों ने उनकी जांच शुरू कर दी।
संगठनों के अस्पताल पहुंचने का था डर
पहले अंदाजा था कि डल्लेवाल को मोहाली या लुधियाना अस्पताल ले जाया जाएगा, लेकिन विरोधाभास से बचने के लिए सरकार ने उन्हें जालंधर शिफ्ट करने का फैसला किया। किसान संगठनों को इसकी जानकारी नहीं थी, इसलिए वे मौके पर नहीं पहुंच पाए। संभावना है कि गुरुवार को किसान संगठन पिम्स अस्पताल पहुंचेंगे।
पुलिस ने किसान नेताओं को हिरासत में लिया
इससे पहले, पुलिस ने संयुक्त किसान मोर्चा के नेता सरवन सिंह पंधेर को जीरकपुर-चंडीगढ़ सीमा पर हिरासत में लिया। वहीं, चार महीने से अनशन कर रहे डल्लेवाल को चंडीगढ़ के पास जगतपुरा में एंबुलेंस के जरिए हिरासत में लिया गया। इस कार्रवाई से किसानों में आक्रोश फैल गया।