नई दिल्ली, वाईबीएन नेटवर्क।
एक ऐसा नाम, जिसने कभी डेविड हेडली जैसे आतंकी का भारत में 'सामाजिक चेहरा' बताकर स्वागत किया था, अब उसी के सहयोगी राणा के खिलाफ NIA के हाथ लगा है – एक बेहद अहम, मगर रहस्यमयी गवाह। यह शख्स अब राणा की संभावित सज़ा का कारण बन सकता है।
NIA की जांच में बड़ा खुलासा
सूत्रों के मुताबिक, राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) के पास मौजूद यह गवाह सिर्फ आम जानकारी नहीं रखता, बल्कि हेडली और राणा की भारत में मौजूदगी, नेटवर्किंग और संभावित मिशन को लेकर कई अहम सुराग अपने पास रखता है। एजेंसी अब इसे ‘टर्निंग पॉइंट’ मान रही है।
कौन है यह रहस्यमयी गवाह?
यह वही व्यक्ति है, जिसने 2006-07 में हेडली को एक 'अंतरराष्ट्रीय बिजनेसमैन और रिसर्चर' के रूप में भारत में लोगों से मिलवाया था। यह शख्स तब खुद को सुरक्षा मामलों का विशेषज्ञ बताता था और सरकारी व निजी मंचों पर भी देखा गया था।
अब राणा के केस में देगा गवाही
NIA इस शख्स को अब राणा के खिलाफ मुख्य गवाह बनाने की तैयारी कर रही है। राणा पर 26/11 हमलों में साजिश का सहयोगी होने का आरोप है और अमेरिका से भारत को उसका प्रत्यर्पण जल्द होने की संभावना है। ऐसे में यह गवाह केस की दिशा और फैसला दोनों बदल सकता है।
राजनीतिक हलचल और विपक्ष के सवाल
इस खुलासे के बाद राजनीतिक गलियारों में भी चर्चा तेज है। कुछ नेताओं ने पूछा है कि आखिर इतने सालों तक यह गवाह कहां था? क्या यह जानबूझकर छुपाया गया या अब सिर्फ सियासी फायदे के लिए लाया जा रहा है?
जनता में सस्पेंस और सुरक्षा पर चिंता
आम लोगों के बीच इस खबर से सस्पेंस बढ़ गया है। सोशल मीडिया पर सवाल उठ रहे हैं – अगर ऐसे लोग आज़ाद घूमते रहे हैं, तो देश की सुरक्षा कितनी पुख्ता है? क्या इससे बड़े नेटवर्क का भंडाफोड़ होने वाला है?