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Delhi stray dog dispute: सुप्रीम कोर्ट में कपिल सिब्बल और अभिषेक मनु सिंघवी ने उठाए सवाल, फैसला रिजर्व

दिल्ली-एनसीआर में आवारा कुत्तों को शेल्टर होम में रखने के आदेश पर सुप्रीम कोर्ट में वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल और अभिषेक मनु सिंघवी ने आपत्ति जताई। स्पेशल बेंच ने सुनवाई के बाद फैसला रिजर्व रखा है। जानें, पूरा मामला ।

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Dhiraj Dhillon
Supreme Court

Supreme Court Photograph: (Google)

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नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क। दिल्ली-एनसीआर में आवारा कुत्तों को शेल्टर होम में रखने के हालिया आदेश पर सुप्रीम कोर्ट में बहस तेज हो गई है। वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने 11 अगस्त को दिए गए आदेश का विरोध करते हुए कहा कि इस साल दिल्ली में रैबीज से एक भी मौत नहीं हुई है। उन्होंने कहा- डॉग बाइट्स बुरी बात है, लेकिन इससे ऐसा भय का माहौल नहीं बनाया जा सकता। सुप्रीम कोर्ट की स्पेशल बेंच ने इस मामले में तमाम पक्षों को सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया है।

एनजीओ की ओर से पेश हुए अधिवक्ता कपिल सिब्बल

वहीं, वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल, जो एक एनजीओ की ओर से पेश हुए, ने सवाल उठाया कि क्या नगर निगम ने कुत्तों के लिए शेल्टर होम बनाए हैं? क्या इनकी नसबंदी हुई है? उन्होंने कहा कि आदेश में यह प्रावधान है कि नसबंदी के बाद भी कुत्तों को समुदाय में नहीं छोड़ा जाएगा, जबकि मौजूदा समय में उन्हें उठाया जा रहा है। कपिल सिब्बल ने दो जजों की पीठ के 11 अगस्त के आदेश पर रोक लगाने की मांग की। उनका तर्क है कि बिना जरूरी बुनियादी तैयारी और नियमों का पालन किए इस तरह का कदम उठाना न तो व्यवहारिक है और न ही मानवीय।

दिल्ली मेयर राजा इकबाल सिंह बोले

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दिल्ली-एनसीआर में आवारा कुत्तों को लेकर सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर दिल्ली के मेयर राजा इकबाल सिंह ने कहा- हम सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पूरी तरह पालन करेंगे। हम भी पशु प्रेमी हैं, लेकिन हमारे लिए मानवता सबसे पहले है। हमारे लिए सुप्रीम कोर्ट से ऊपर कुछ नहीं है। पहले चरण में हम काटने वाले कुत्तों के खिलाफ कार्रवाई कर रहे हैं। कल विभिन्न जोनों से 150 कुत्तों को पकड़ा गया है।

जानिए क्या है पूरा मामला

सोमवार 11 अगस्त 2025 को सुप्रीम कोर्ट ने एक बड़ा फैसला सुनाते हुए दिल्ली-एनसीआर में स्ट्रीट डॉग्स की बढ़ती समस्या पर चिंता जताई थी और आठ हफ्तों के भीतर सभी स्ट्रीट डॉग्स को सड़कों से हटाकर शेल्टर में रखने का आदेश दिया था। इस फैसले से जहां एक तरफ लोग राहत महसूस कर रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ पशु प्रेमियों के बीच हलचल मच गई है। सवाल यह है कि क्या यह फैसला समस्या का स्थायी समाधान है या बेजुबानों के लिए नई मुश्किलें खड़ी करेगा? सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली - हरियाणा - उत्तर प्रदेश और राजस्थान की सरकारों के साथ-साथ एमसीडी और एनडीएमसी को सख्त निर्देश दिए थे। कोर्ट ने कहा है कि आठ हफ्तों के भीतर सभी स्ट्रीट डॉग्स को पकड़कर शेल्टर होम में रखा जाए। सबसे अहम बात यह है कि इन स्ट्रीट डॉग्स को वापस सड़कों पर नहीं छोड़ा जाएगा। इसके अलावा कोर्ट ने यह भी साफ कर दिया है कि अगर कोई व्यक्ति या संगठन इस अभियान में बाधा डालता है तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

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