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SC के इस आदेश को Menka Gandhi ने कहा "एंगर जजमेंट", रा‌हुल- प्रियंका ने ने भी उठाए सवाल

सुप्रीम कोर्ट के स्ट्रीट डॉग्स पर आए आदेश पर मेनका गांधी और प्रियंका चतुर्वेदी ने कड़ी प्रतिक्रिया दी। मेनका ने फैसले को "एंगर जजमेंट" और "सेंसलेस" कहा, जबकि प्रियंका ने बिना बेसिक इंतजाम आदेश को लागू करने पर सवाल उठाए।

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Dhiraj Dhillon
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नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क। सुप्रीम कोर्ट के स्ट्रीट डॉग्स को लेकर दिए गए आदेश पर पीपुल्स फॉर एनीमल की संस्थापक और बीजेपी सांसद मेनका गांधी ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने इस फैसले को "एंगर जजमेंट" और "सेंसलेस" करार देते हुए कहा कि यह पहले आए खंडपीठ के फैसले के बिल्कुल उलट है। मेनका गांधी ने सवाल उठाया कि आदेश देना आसान है, लेकिन पालन कैसे होगा? उन्होंने कहा, "दिल्ली में करीब तीन लाख स्ट्रीट डॉग्स हैं और एक भी सरकारी शेल्टर नहीं। इतने कुत्तों के लिए शेल्टर बनाने में 15,000 करोड़ रुपये और हर हफ्ते 5 करोड़ रुपये खाने पर लगेंगे।" उन्होंने तंज कसा कि शेल्टर के लिए ऐसी जगह चाहिए जहां कोई न रहता हो, ऊंची दीवारें हों, किचन, ड्रेनेज और सीवरेज सिस्टम हो, जो बनाने में 5-10 साल लगेंगे।

मेनका गांधी ने चेताया- एनसीआर के डॉग्स दिल्ली में होंगे

उन्होंने चेताया कि अगर दिल्ली के तीन लाख डॉग्स को शेल्टर में डाल भी दिया गया तो 48 घंटे में गाजियाबाद, नोएडा और फरीदाबाद से नए डॉग्स आ जाएंगे और संख्या फिर तीन लाख हो जाएगी। उन्होंने कहा- इस समस्या का हल केवल सलाह-मशविरे से निकल सकता है, गुस्से में दिए आदेश से नहीं। मेनका गांधी ने यह भी कहा कि यह आदेश "उन प्राणियों को दंडित करने वाला है जो खुद का बचाव नहीं कर सकते" और सवाल किया कि अगला कदम क्या होगा, स्ट्रे काउज, गरीब बस्तियां?

राहुल गांधी ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर कही यह बात

लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने कहा- सुप्रीम कोर्ट का दिल्ली-एनसीआर से सभी स्ट्रीट डॉग्स को हटाने का निर्देश दशकों से चली आ रही मानवीय और विज्ञान-आधारित नीति के विपरीत है। ये बेज़ुबान जीव कोई “समस्या” नहीं हैं जिन्हें मिटा दिया जाए। शेल्टर, नसबंदी, टीकाकरण और सामुदायिक देखभाल के जरिए सड़कों को सुरक्षित रखा जा सकता है, वो भी बिना क्रूरता के। सभी कुत्तों को अंधाधुंध हटाना न केवल क्रूर है, बल्कि दूरदर्शिता की कमी और हमारी करुणा को खत्म करने जैसा है। हम सार्वजनिक सुरक्षा और पशु कल्याण, दोनों को साथ लेकर चल सकते हैं।

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आदेश लागू करने के लिए बेसिक सुविधाएं जरूरी

शिवसेना (यूबीटी) सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने भी कोर्ट के आदेश पर चिंता जताई। उन्होंने कहा- मानव और कुत्ते के बीच संघर्ष को मैं समझती हूं, लेकिन आदेश लागू करने से पहले बेसिक सुविधाओं की जरूरत है। अब मासूम जानवरों को इसकी सजा भुगतनी पड़ेगी। इस बीच, सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल है जिसमें एक युवा लड़की और एक इंटरनेशनल कबड्डी खिलाड़ी रेबीज से पीड़ित दिख रहे हैं। रेबीज का इलाज लक्षण आने से पहले वैक्सीन और इम्यूनोग्लोब्युलिन से संभव है, लेकिन थोड़ी देरी जानलेवा हो सकती है।

Delhi NCR Street Dogs | Menka Gandhi

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