नई दिल्ली, वाईबीएन नेटवर्क।
प्रदूषण से हांफ रही देश की राजधानी दिल्ली का साढ़े चार माह बाद ग्रैप की पाबंदियों से पीछा छूटा है। अक्टूबर, 2023 में हवा में प्रदूषण का स्तर खतरनाक हो जाने पर ग्रैप की पाबंदियां लागू की गई थीं, तब से पाबंदियां लगातार जारी थीं, हालांकि बीच - बीच में इनके चरण जरूर बदलते रहे। मौसम थोड़ा गर्म होने के साथ दिल्ली की हवा में जहर कम हुआ है। केंद्रीय वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग ने अब ग्रैप की पाबंदियां पूरी तरह से हटा दी हैं।
भाजपा सरकार से बड़ी उम्मीदें
दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में ठंड का मौसम आते ही प्रदूषण की समस्या काफी बढ़ जाती है। अक्टूबर- नवंबर दो ऐसे महीने होते हैं जब प्रदूषण दिल्ली का गला घोंटने की स्थिति में आ जाता है, दिल्ली हर साल दावे करती है लेकिन सुधार कुछ नहीं होता। 10 साल तक दिल्ली में आम आदमी पार्टी की सरकार के बाद दिल्ली की जनता ने उसे सत्ता से बाहर का रास्ता दिखा दिया और भाजपा को सत्ता की चाबी सौंप दी, केंद्र में भी भाजपा की सरकार होने से न केवल राज्य और केंद्र में बेहतर तालमेल की उम्मीद है बल्कि प्रदूषण के मामले में बड़े और प्रभावी कदम उठाए जाने का दिल्ली की जनता इंतजार कर रही है।
हर साल लागू करना पड़ता है ग्रैप
दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण के चलते केंद्रीय वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग को हर साल सर्दी का मौसम शुरू होने के साथ ही ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान यानी ग्रैप लागू करना पड़ता है। इसके साथ कुछ पाबंदियों के साथ प्रदूषण नियंत्रण के उपायों को तेज किया जाता है। पिछले साल 15 अक्टूबर से आयोग ने पहले चरण की पाबंदियां लागू कर दी थीं जो प्रदूषण स्तर के साथ बढ़कर चौथे चरण तक पहुंचीं और धीरे हटती गईं। सोमवार को करीब साढ़े चार माह बाद ग्रैप- एक की पाबंदियां हटाई जा सकीं।
तापमान और हवा की गति बढ़ने से राहत
दिल्ली वासियों को बढ़ते तापमान और हवा की गति के चलते प्रदूषण से काफी राहत मिली है। हवा की गुणवत्ता में काफी सुधार हुआ है। फिलहाल हवा की गुणवत्ता बेहतर रहने की उम्मीद है। इसे देखते हुए केंद्रीय वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग ने पहले चरण की पाबंदियां भी वापस ले ली हैं।
संबंधित एजेंसियों को दी नसीहत
केंद्रीय वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग ने ग्रैप-एक की पाबंदियों को वापस लेने का ऐलान करने के साथ ही संबंधित एजेंसियों को नसीहत भी दी है। आयोग ने कहा है कि एजेंसियां प्रदूषण की रोकथाम के उपायों काम लगातार जारी रखा जाए, ताकि दिल्ली को दुबारा खराब परिस्थितियों में जाने से रोका जा सके। एजेंसिया सतत निगरानी भी करती रहें।
निर्माण स्थलों परइलेक्ट्रोनिक बोर्ड देंगे जानकारी
दिल्ली में प्रदूषण स्तर को काबू में रखने के लिए निर्माण स्थलों पर सख्त निगरानी की जाएगी। दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति ने 20 हजार वर्गमीटर से बड़े निर्माण स्थलों पर ई-बोर्ड के जरिए प्रदूषण की जानकारी देने के निर्देश दिए हैं। बड़े इलेक्ट्रोनिक बोर्ड पर निर्माण स्थल का पता, प्रोजेक्ट का साइज और प्रयोग की जा रहीं एंटी स्मोग गन आदि की जानकारी दी जाएगी।