नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क। सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को एक याचिका पर केंद्र सरकार से जवाब मांगा, जिसमें ऑनलाइन और ऑफलाइन सट्टेबाजी ऐप्स को नियंत्रित करने की मांग की गई है। यह याचिका के ए पॉल नामक व्यक्ति ने दायर की थी। उनका कहना है कि इन सट्टेबाजी ऐप्स की वजह से कई बच्चों ने आत्महत्या कर ली है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि कुछ बड़े अभिनेता, क्रिकेटर और सोशल मीडिया पर प्रभावशाली लोग इन ऐप्स का प्रचार कर रहे हैं, जिससे बच्चे इनकी ओर आकर्षित हो रहे हैं।
तेलंगाना में 1 हजार से ज्यादा बच्चों ने सुसाइड किया
न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति एन कोटिश्वर सिंह की पीठ ने के ए पॉल की याचिका पर नोटिस जारी किया, जिन्होंने दावा किया था कि ऑनलाइन सट्टेबाजी और जुए से जुड़े ऐप का इस्तेमाल करने के बाद कई बच्चों ने आत्महत्या कर ली। पॉल ने कोर्ट में खुद पेश होकर कहा कि वह उन लाखों माता-पिता की आवाज़ बनकर आए हैं, जिन्होंने अपने बच्चों को खो दिया है। उन्होंने बताया कि सिर्फ तेलंगाना राज्य में 1,023 से ज्यादा लोगों ने आत्महत्या की, क्योंकि 25 बॉलीवुड और टॉलीवुड अभिनेताओं/प्रभावशाली लोगों ने मासूमों की जिंदगी से खिलवाड़ किया। उन्होंने कहा कि इनमें से कई मामलों में मशहूर लोगों के खिलाफ एफआईआर भी दर्ज हुई है।
इसे कानून के जरिए नहीं रोका जा सकता
सुनवाई के दौरान न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति एन कोटिश्वर सिंह की बेंच ने कहा कि वे इस समस्या को समझते हैं, लेकिन यह समाज की एक गहरी समस्या है जिसे सिर्फ कानून बनाकर पूरी तरह रोका नहीं जा सकता। जस्टिस सूर्यकांत ने कहा, “हम सैद्धांतिक रूप से आपकी बात से सहमत हैं कि इसे रोका जाना चाहिए, लेकिन शायद आप इस गलतफहमी में हैं कि इसे कानून के ज़रिए रोका जा सकता है।’’ जस्टिस ने कहा कि ‘जैसे हम लोगों को हत्या करने से नहीं रोक सकते, वैसे ही कोई कानून लोगों को सट्टेबाजी या जुआ खेलने से नहीं रोक सकता।
केंद्र से कोर्ट का सवाल
कोर्ट ने कि वह केंद्र से सवाल पूछेगी कि वह इस मुद्दे पर क्या कर रहा है क्योंकि उसने केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया है। इस मामले में अटॉर्नी जनरल और सॉलिसिटर जनरल की मदद भी मांगी गई है।
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