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नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और सांसद शशि थरूर ने एक बार फिर अपनी पार्टी लाइन से हटकर बयान दिया है। इस बार उन्होंने केंद्र सरकार द्वारा प्रस्तावित उस संविधान संशोधन विधेयक का समर्थन किया है, जिसमें गंभीर आपराधिक आरोपों में गिरफ्तार या हिरासत में लिए गए पीएम, सीएम और मंत्रियों को पद से हटाने का प्रावधान है।
#WATCH Delhi: On the bill for the removal of the PM, CMs, and ministers held on serious criminal charges, Congress MP Shashi Tharoor says, "As far as I am concerned, I don't know those Bills well enough to give you a comment. On the face of it, it seems reasonable that anyone who… pic.twitter.com/dy4BYWywMx
— ANI (@ANI) August 20, 2025
समिति के भीतर चर्चा होना हमारे लोकतंत्र के लिए अच्छा
मीडिया से बातचीत में थरूर ने कहा कि अगर आप 30 दिन जेल में बिताते हैं, तो क्या आप मंत्री बने रह सकते हैं? यह तो सामान्य समझ की बात है। इसमें मुझे कुछ भी गलत नहीं लगता। थरूर का यह बयान तब आया है जब विपक्ष के कई बड़े नेता, खासकर कांग्रेस, इस विधेयक का तीखा विरोध कर रहे हैं। सूत्रों के अनुसार गृह मंत्री अमित शाह इस बिल को संसद में पेश करेंगे और इसके बाद इसे संसद की संयुक्त समिति को विचार के लिए भेजने का प्रस्ताव भी रखेंगे। थरूर ने समिति के पास विधेयक भेजने की प्रक्रिया का समर्थन करते हुए कहा कि मुझे लगता है कि समिति के भीतर चर्चा होना हमारे लोकतंत्र के लिए अच्छा है।
विपक्षी दलों का विरोध
हालांकि, कांग्रेस की ओर से प्रियंका गांधी वाड्रा ने इस विधेयक को पूरी तरह से संविधान-विरोधी करार दिया है। उन्होंने कहा कि कल आप किसी सीएम पर कोई भी मामला दर्ज कर सकते हैं, उसे बिना दोषसिद्धि के 30 दिनों के लिए गिरफ्तार सकते हैं और फिर वह सीएम नहीं रहेगा? यह पूरी तरह से संविधान-विरोधी है। 130वें संविधान संशोधन विधेयक 2025 के तहत यह प्रावधान है कि यदि पीएम, केंद्रीय मंत्री या राज्य,केंद्र शासित प्रदेश के सीएम, मंत्री को 30 दिनों से अधिक न्यायिक हिरासत में रहना पड़े तो उन्हें 31वें दिन इस्तीफा देना होगा या उन्हें बर्खास्त किया जा सकेगा।
थरूर और कांग्रेस के रिश्तों में खटास
शशि थरूर का अपनी पार्टी से मतभेद कोई नई बात नहीं है। 2021 में उन्होंने G-23 समूह का हिस्सा बनकर कांग्रेस नेतृत्व की कार्यशैली पर सवाल उठाए थे। हाल ही में संसद में एक भारतीय अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला पर विशेष चर्चा में कांग्रेस की अनुपस्थिति पर भी उन्होंने पार्टी पर कटाक्ष किया था। ऑपरेशन सिंदूर के बाद भी कांग्रेस और थरूर के संबंधों में खटास आई है। इसके बावजूद केंद्र सरकार ने उन्हें इस ऑपरेशन से जुड़ी जानकारी देने वाले प्रतिनिधिमंडल में विदेश भेजा था।
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