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नई दिल्ली, वाईबीएन नेटवर्क
मोदी 3.0 कार्यकाल के पहले बजट सत्र की शुरुआत हो चुकी है। आज दोनों सदन में राष्ट्रपति के अभिभाषण के बाद वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आर्थिक सर्वेक्षण की रिपोर्ट पेश की। इस रिपोर्ट के सामने आने के बाद लोगों के सामने रोजगार की बड़ी समस्या बढ़ गई है। सरकार की यह रिपोर्ट रोजगार के प्रति गंभीर रूप से चिंता जता रही है।
#RajyaSabhaSession
— SansadTV (@sansad_tv) January 31, 2025
Union Finance Minister Nirmala Sitharaman tables the Economic Survey 2024-25 in the #RajyaSabha@FinMinIndia@nsitharaman@nsitharamanoffc@VPIndiapic.twitter.com/ct7FeMjkDo
जीडीपी ग्रोथ रेट 6.3 से 6.8 फीसदी रहेगी
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने लोकसभा में देश की आर्थिक सेहत बताने वाले आर्थिक सर्वेक्षण को पेश कर दिया है। सर्वे के मुताबिक चालू वित्त वर्ष 2025-26 में जीडीपी ग्रोथ रेट 6.3 फीसदी से लेकर 6.8 फीसदी के बीच रहने का अनुमान है।
चार सालों में सबसे कम ग्रोथ
सरकार द्वारा पेश की गई रिपोर्ट के मुताबिक, जो जीडीपी ग्रोथ रेट दिखाई गई है। वह पिछले चार सालों की तुलना में सबसे कम है। जिसके बाद से रोजगार की समस्या ने लोगों का तनाव बढ़ा दिया है। बीते साल 22 जुलाई 2024 को आर्थिक सर्वे में मौजूदा चालू वित्त वर्ष के लिए 6.5 फीसदी से लेकर 7 फीसदी के बीच जीडीपी ग्रोथ रेट रहने का अनुमान जताया गया था।
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एआई बनेगा रोजगार के लिए खतरा
आर्थिक सर्वे में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से रोजगार पर पड़ने वाले असर को लेकर चेताया गया है। मौजूदा वित्त वर्ष 2024-25 में जीडीपी ग्रोथ रेट में गिरावट के लिए बाहरी चुनौतियों को जिम्मेदार ठहराया गया है। सर्वे में एक्सपोर्ट में गिरावट की भी बात कही गई है। इकोनॉमिक सर्वे में चीन पर मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर की निर्भरता को लेकर चिंता जाहिर की गई है। सर्वे में इंडस्ट्रीज के डीरेगुलेशन पर जोर दिया गया है।