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नई दिल्ली, आईएएनएस।वोट चोरी के गंभीर आरोपों के बीच भारतीय निर्वाचन आयोग (ईसीआई) ने बड़ा कदम उठाया है। चुनावी प्रणाली को स्वच्छ और पारदर्शी बनाने के अपने अभियान को और तेज करते हुए चुनाव आयोग ने 474 पंजीकृत गैर-मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों (RUPP) को अपनी सूची से हटा दिया। साथ ही 359 आरयूपीपी पर कार्रवाई शुरू की। इस कदम के साथ, पिछले दो महीनों में कुल 808 आरयूपीपी को सूची से हटाया जा चुका है, जिसमें 9 अगस्त को हटाए गए 334 आरयूपीपी शामिल हैं।
चुनाव प्रक्रिया को साफ-सुथरा बनाना उद्देश्य
आयोग की यह कार्रवाई जनप्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 29ए के तहत की गई, जिसमें प्रावधान है कि यदि कोई राजनीतिक दल लगातार छह वर्षों तक किसी भी चुनाव में भाग नहीं लेता, तो उसे पंजीकृत दलों की सूची से हटाया जा सकता है। आयोग ने 2019 से एक राष्ट्रव्यापी अभियान शुरू किया है, जिसका उद्देश्य उन आरयूपीपी की पहचान करना और हटाना है जो निर्धारित शर्तों को पूरा करने में विफल रहे हैं। इस अभियान का मकसद निष्क्रिय या अनुपालक दलों को हटाकर चुनावी प्रक्रिया को साफ-सुथरा बनाना है। पंजीकृत दलों को प्रतीक चिन्ह, कर छूट जैसे विशेषाधिकार प्राप्त होते हैं, लेकिन इनके लिए नियमों का पालन अनिवार्य है।
ईसीआई ने 359 अन्य आरयूपीपी की पहचान की
दूसरे चरण में, ईसीआई ने 359 अन्य आरयूपीपी की पहचान की है, जो पिछले तीन वित्तीय वर्षों में अपने वार्षिक लेखापरीक्षित खाते जमा करने में विफल रहे हैं या जिन्होंने चुनाव लड़ा, लेकिन आवश्यक चुनाव व्यय रिपोर्ट दाखिल नहीं की। ये दल देश के 23 विभिन्न राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से हैं। इन दलों को हटाने से पहले, निष्पक्षता सुनिश्चित करने के लिए, संबंधित राज्यों के मुख्य कार्यकारी अधिकारियों को कारण बताओ नोटिस जारी करने के निर्देश दिए गए हैं। इन नोटिसों के जवाब में दलों को सुनवाई का अवसर दिया जाएगा, और अंतिम निर्णय मुख्य कार्यकारी अधिकारियों की रिपोर्ट के आधार पर लिया जाएगा।
अभियान भविष्य में भी जारी रहेगा
ईसीआई का यह कदम न केवल चुनाव प्रणाली को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है, बल्कि यह भी सुनिश्चित करता है कि केवल सक्रिय और नियमों का पालन करने वाले दल ही पंजीकृत रहें। यह अभियान भविष्य में भी जारी रहेगा ताकि चुनावी प्रक्रिया की विश्वसनीयता और पारदर्शिता बनी रहे। दूसरे चरण में हटाए गए आरयूपीपी की सर्वाधिक संख्या 121 उत्तर प्रदेश से है। वहीं, तीसरे चरण के अंतर्गत की जा रही कार्रवाई में भी सर्वाधिक 127 संख्या उत्तर प्रदेश से ही है। : Election | 2024 elections media | Election Commission Action | Election Commission Warning