नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क | प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने फर्जी जीएसटी चालान से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में कोलकाता, रांची और जमशेदपुर में नौ स्थानों पर छापेमारी की। आरोपी शिव कुमार देवड़ा, सुमित गुप्ता और अमित गुप्ता ने कथित तौर पर ₹14,325 करोड़ के फर्जी चालान बनाए, जिससे ₹800+ करोड़ के झूठे आईटीसी दावे किए गए। छापेमारी का उद्देश्य पीएमएलए, 2002 के तहत संपत्तियों का पता लगाना है। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने फर्जी जीएसटी चालान से संबंधित मनी लॉन्ड्रिंग मामले की चल रही जांच के तहत कोलकाता, रांची और जमशेदपुर में नौ स्थानों पर तलाशी अभियान शुरू किया है।
फर्जी प्रतिष्ठानों को बंद कर दिया गया
सूत्रों के अनुसार, दोनों राज्यों के कारोबारियों ने कुल 14,325 करोड़ रुपए के फर्जी जीएसटी इनवॉइसबनाकर 800 करोड़ रुपए से ज्यादा के इनपुट टैक्स क्रेडिट का लाभ लिया था। जिन कारोबारियों के ठिकानों पर छापेमारी की जा रही है, उनमें शिवकुमार देवरा, सुमित गुप्ता, अमित गुप्ता एवं अन्य शामिल हैं। ईडी ने बंगाल में इस घोटाले में पहले भी छापेमारी की थी, जबकि झारखंड में इसे लेकर पहली बार कार्रवाई की जा रही है। आरोप है कि कारोबारियों ने फर्जी दस्तावेजों के आधार पर व्यापारिक प्रतिष्ठान बनाए और इनपुट टैक्स क्रेडिट का अनुचित लाभ लिया। बाद में इन फर्जी प्रतिष्ठानों को बंद कर दिया गया।
रडार पर ये कंपनियां
उल्लेखनीय है कि इसी साल जनवरी महीने में जीएसटी निदेशालय की अन्वेषण टीम ने 100 करोड़ रुपए से अधिक के जीएसटी घोटाले में रामगढ़ के सारूबडेड़ा और धनबाद के झरिया में छापेमारी की थी। इसी तरह जमशेदपुर और आदित्यपुर औद्योगिक क्षेत्र में भी आठ ठिकानों पर जीएसटी की टीम ने छापेमारी कर 150 करोड़ रुपये के फर्जीवाड़े का पर्दाफाश किया था। फर्जी जीएसटी इनवॉइस जारी कर घोटाले के इस मामले में जमशेदपुर के जुगसलाई स्थित खाटू श्याम स्टील, जैसुका आयरन एंड पावर, बाबा श्याम स्टील, श्री स्टील, विवान इंटरप्राइजेज, एनएच-33 स्थित रिवाह रिसॉर्ट और आदित्यपुर स्थित मातेश्वरी इंजीनियरिंग सहित कई अन्य कंपनियां ईडी जांच के रडार पर हैं।