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नई दिल्ली, वाईबीएन नेटवर्क।
दिल्ली में विधानसभा चुनाव की घोषणा हो चुकी है। 70 सीटों पर 5 फरवरी को वोट डाले जाएंगे और 8 फरवरी को परिणाम आने के साथ ही तय जाएगा कि दिल्ली का नया सरताज कौन बनेगा, लेकिन फिलहाल एक नाम सबसे ज्यादा ट्रेंड कर रहा है। यह नाम है भाजपा से निलंबित तेजतर्रार नेता नूपुर शर्मा का। संभावना जताई जा रही है कि उनका राजनीतिक वनवास खत्म हो सकता है और भाजपा उन्हें चुनाव मैदान में उतार सकती है। नूपुर शर्मा की गिनती कट्टर हिंदू नेताओं के तौर पर की जाती है। यही वजह है कि उनके समर्थकों का एक बड़ा वर्ग उन्हें दिल्ली की अगली मुख्यमंत्री के तौर पर पेश करते हुए नूपुर को ‘हिंदू शेरनी’ जैसे नामों से एक्स पर ट्रेंड करा रहा है।
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शीघ्र आने वाली है भाजपा की दूसरी सूची
विधानसभा चुनाव के लिए आम आदमी पार्टी सभी सत्तर सीटों पर अपने प्रत्याशियों की घोषणा कर चुकी है। कांग्रेस ने फिलहाल 48 सीटों पर प्रत्याशियों के नामों का ऐलान कर दिया है। भाजपा ने अब तक 29 उम्मीदवारों के नाम का ऐलान किया है। इसी सप्ताह भाजपा की दूसरी सूची आ सकती है। भाजपा की दूसरी सूची में नाम लगभग तय हो चुके हैं। केंद्रीय चुनाव समिति से हरी झंडी मिलने के बाद नामों की घोषणा हो जाएगी। पार्टी सूत्रों के हवाले से कुछ लोग सोशल मीडिया पर नूपुर शर्मा के नाम को ट्रेंड कर रहे हैं। भाजपा इस बार उन्हें दिल्ली विधानसभा चुनाव में आजमा सकती है। जानकार बता रहे हैं कि यदि नूपुर को पार्टी अपना प्रत्याशी बनाती है तो हिंदू मतदाताओं में इसका पॉजिटिव संदेश जाएगा। पार्टी का भी एक वर्ग है, जो नूपुर को प्रत्याशी बनाया जाए।
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नूपुर को जून 2022 में कियाथा पार्टी से निष्कासित
भाजपा की तेजतर्रार प्रवक्ता नूपुर शर्मा को एक विवादित एवं आपत्तिजनक टिप्पणी के बाद 05 जून 2022 को पार्टी से निलंबित कर दिया था। नूपुर शर्मा नेमई 2022 में एक टीवी चैनल पर बहस के दौरान पैगंबर मुहम्मद पर विवादास्पत टिप्पणी की थी।उनकी इस टिप्पणी केबाद देशभर में बड़े पैमानेपर विरोध प्रदर्शन भी हुए। कई मुस्लिम देशों ने इस पर अपनी सख्त टिप्पणी भी दर्ज कराई। इसके चलते कूटनीतिक स्तर पर भी फजीहत का सामना करना पड़ा था।
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भाजपा ने झोंक रखी है पूरी ताकत
उल्लेखनीय है कि दिल्ली की सत्ता पर आम आदमी पार्टी पिछले 11 वर्ष से काबिज है, देखा जाए तो इस बार का चुनाव कई कारणों से रोचक होता जा रहा है। सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी चौथी बार जीत के लिए ताकत लगा रही है, तो विपक्षी भाजपा ने हवा का रूख बदलने के लिएपूरी ताकत झोंक दी है। दो बार के विधानसभा चुनाव में झोली खाली रहने के बाद भी कांग्रेस अकेले चुनाव लड़ रही है। पार्टी के नेता भाजपा और आम आदमी पार्टी दोनों को निशाना बना रहे हैं। इससे पहले हुए लोकसभा चुनावों के दौरान कांग्रेस और आप ने गठबंधन में चुनाव लड़ा था। वहीं, बहुजन समाज पार्टी (बसपा) भी दिल्ली की सभी सीटों पर चुनाव लड़ रही है।
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