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वेतन संकट के बाद FIITJEE के कोचिंग सेंटरों पर लगा ताला: दिल्ली, यूपी समेत कई राज्यों के छात्र परेशान

कई जगहों पर कोचिंग के अचानक बंद होने के बाद से अभिभावकों में काफी रोष देखा जा रहा है। अभिभावकों का आरोप है कि संस्थान ने ना तो कोई सूचना दी और न ही पैसे वापस दिए। कई तस्वीरों और वीडियो में अभिभावकों बंद हो चुकी शाखाओं के बाहर विरोध कर रहे हैं...

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Jyoti Yadav
FIITZEE CLOSED
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नई दिल्ली, वाईबीएन नेटवर्क।

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नोएडा, गाजियाबाद, भोपाल, वाराणसी, दिल्ली, मेरठ और पटना में फिटजी कोचिंग सेंटर बंद हो गए हैं। ऐसे में यहां पढ़ने वाले छात्रों के सामने बड़ी मुश्किल आ गई है। छात्र और उनके परिजन काफी परेशान हैं। क्योंकि आने वाले महीनों में कई परीक्षाएं हैं। कोचिंग सेंटर बंद होने के पीछे शिक्षकों की सैलरी बताई जा रही है। दरअसल, संस्थान ने कई शिक्षकों की सैलरी नहीं दी जिसके बाद सामूहिक रूप से शिक्षकों ने नौकरी छोड़ दी और संस्थान बंद करना पड़ा। इसके बाद उत्तर प्रदेश और मेरठ के भी कुछ सेंटर बंद हो गए। बता दें कई अभिभावकों ने पुलिस में शिकायत भी कराई है। 

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अभिभावकों में भारी रोष

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कई जगहों पर कोचिंग के अचानक बंद होने के बाद से अभिभावकों में काफी रोष देखा जा रहा है। अभिभावकों का आरोप है कि संस्थान ने ना तो कोई सूचना दी और न ही पैसे वापस दिए। कई तस्वीरों और वीडियो में अभिभावकों बंद हो चुकी शाखाओं के बाहर विरोध करते हुए नजर आ रहे हैं। बता दें संस्थान की तरफ से लोगों को भरोसा दिया था कि कोचिंग बंद नहीं होंगे, आपको पैसे जमा करने चाहिए। इसके बावजूद कई सेंटर बंद हो गए। लोगों के लाखों रुपये दाव पर लगे हैं। बता दें मेरठ के मंगल पाण्डेय नगर में FIITJEE का सेंटर पिछले 12 साल से चल रहा था, जिसमे इस समय लगभग 700 स्टूडेंट्स JEE की तैयारी कर रहे थे, लेकिन अब उसपर ताला लगा हुआ है। 

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FIITJEE सेंटर बंद होने की वजह 

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बता दें FIITJEE की शुरुआत आज से लगभग 36 साल पहले हुई थी। देश के लगभग सभी मेट्रो सिटीज़ के अलावा कई बड़े शहरों में सेंटर थे। गौरतलब है कि यहां टीचर्स की सालाना सैलरी 15 लाख से शुरू होकर दो करोड़ तक होती है। जोकि अन्य बड़े कोचिंग सेंटर की तुलना में ज़्यादा हैं। समय के साथ और कई संस्थान शुरू हुए और FIITJEE में स्टूडेंट्स कम हो गए। इन पर एक बड़ा आरोप कोचिंग का पैसा दूसरे धंधों के लगाने का भी है। साथ ही इन्वेस्टर्स ने भी ख़राब स्थिति देखते हुए निवेश करने से मना कर दिया। इस वजह से FIITJEE की हालत ख़राब हो गई। टिचर्स को सैलरी देना भी मुश्किल हो गया। टिचर्स संस्थान छोड़ने लगे और बंद करने की नौबत आ गई। 

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