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Bengaluru stampede case : RCB समेत तीन के खिलाफ एफआईआर

बेंगलुरु में बुधवार को चिन्‍नास्‍वामी स्‍टेडियम के बाहर मची भगदड़ की घटना को लेकर सियासी संग्राम अभी थमा नहीं है। इस त्रासदी को लेकर हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया गया है और पुलिस ने RCB के विरुद्ध एफआईआर दर्ज की है।

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Narendra Aniket
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नई दिल्‍ली, वाईबीएन डेस्‍क। बेंगलुरु में चिन्‍नास्‍वामी स्‍टेडियम के बाहर बुधवार को मची भगदड़ मामले में कर्नाटक पुलिस ने गुरुवार को रॉयल चैंलेंजर्स बेंगलुरु (RCB), DNA इवेंट मैनेजमेंट कंपनी और कर्नाटक क्रिकेट एसोसिएशन के खिलाफ FIR दर्ज कर ली। सभी के विरुद्ध विजय जुलूस निकालने में आपराधिक लापरवाही बरतने का आरोप लगाया गया है। एफआईआर में कहा गया है कि अव्यवस्था और जिम्मेदार एजेंसियों की लापरवाही के कारण भगदड़ मची। बुधवार को भगदड़ में 11 लोगों की मौत हो गई और 33 अन्‍य घायल हो गए। 

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पहली बार जीती RCB बेंगलुरु में विजय जुलूस निकालना चाहती थी 

तीन जून को हुए IPL फाइनल मैच में पहली बार मिली जीत के बाद 4 मई को रॉयल चैंलेंजर्स बेंगलुरु (RCB) का बेंगलुरु में विजय जुलूस का आयोजन किया था। पहले राज्य सरकार ने विधानसभा परिसर में सभी खिलाड़ियों का सम्मान किया। इसके बाद चिन्नास्वामी स्टेडियम में कार्यक्रम में होना था। कार्यक्रम से पहले ही स्टेडियम के बाहर जुटी भीड़ अनियंत्रित हो गई और भगदड़ मच गई। मरने वाले 11 लोग 35 साल से कम उम्र के थे। इनमें तीन  किशोर वय के शामिल हैं।

भीड़ देख पुलिस ने नहीं दी अनुमति, जुलूस को निरस्‍त कर दिया था

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4 जून को सुबह से ही सड़कों पर उमड़ने लगी भीड़ को देखते हुए पुलिस ने विजय जुलूस की अनुमति नहीं दी और इसे निरस्‍त कर दिया गया था। पुलिस ने एम चिन्नास्वामी स्टेडियम में हुए जश्न को भी स्थगित करने का अनुरोध किया था। पुलिस चाहती थी कि आरसीबी ये प्रोग्राम रविवार (8 जून 2025) को आयोजित करे, लेकिन आरसीबी ने तर्क दिया था कि उनके विदेशी खिलाड़ी अपने देश लौट जाएंगे इसलिए वे 4 जून को ही कार्यक्रम रखना चाहते हैं।

एनएचआरसी ने प्रशासन और पुलिस से मांगी रिपोर्ट

भगदड़ पर राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) ने संज्ञान लिया है। उसने जिला प्रशासन और पुलिस को नोटिस भेजकर एक सप्ताह के भीतर रिपोर्ट मांगी है। एनएचआरसी के अनुसार, आरोप है कि अधिकारियों की ओर से भीड़ को नियंत्रण करने का प्रबंधन खराब था और हैरानी की बात यह है कि त्रासदी होने और स्टेडियम के बाहर शव पड़े होने के बावजूद स्टेडियम के अंदर उत्सव और जश्न जारी रहा। 

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