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इंफाल घाटी में बाढ़ से हालात गंभीर, अस्पताल जलमग्न, राहत कार्य जारी

इंफाल घाटी में बाढ़ की स्थिति और गंभीर हो गई है, क्योंकि इरिल और नम्बुल नदियों में अचानक जलस्तर बढ़ने से कई इलाकों में भारी जलभराव हो गया है। नदियों के उफान पर आने से शहर के कई हिस्सों में पानी भर गया है।

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Jyoti Yadav
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Flood situation in Imphal valley is serious
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इंफाल, वाईबीएन डेस्क | इंफाल घाटी में बाढ़ की स्थिति और गंभीर हो गई है, क्योंकि इरिल और नम्बुल नदियों में अचानक जलस्तर बढ़ने से कई इलाकों में भारी जलभराव हो गया है। नदियों के उफान पर आने से शहर के कई हिस्सों में पानी भर गया है और जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ है।राज्य आपदा मोचन बल (SDRF) और अन्य एजेंसियां राहत एवं बचाव कार्य में जुटी हुई हैं। प्रभावित क्षेत्रों से लोगों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाया जा रहा है। 

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बाशिखोंग कोंगबा इरोंग इलाके में कोंगबा नदी में दरार आने से बाशिखोंग इलाके में बाढ़ आ गई है, जिससे 200 से ज़्यादा घर प्रभावित हुए हैं। कई निवासियों ने बाशिखोंग पंथोइबी बाज़ार सामुदायिक भवन में शरण ली है।

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जेएनआईएमएस अस्पताल पूरी तरह जलमग्न 

राज्य का प्रमुख चिकित्सा संस्थान जेएनआईएमएस अस्पताल पूरी तरह जलमग्न हो गया है, जिससे स्वास्थ्य सेवाएं बाधित हो गई हैं। कई मरीजों को इलाज के लिए अन्य अस्पतालों में स्थानांतरित किया जा रहा है। अस्पताल प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग ने स्थिति को देखते हुए आपातकालीन प्रबंधन के निर्देश दिए हैं। प्रशासन ने निवासियों से अपील की है कि वे ऊंचे और सुरक्षित स्थानों पर शरण लें और अफवाहों से बचें। मौसम विभाग के अनुसार आने वाले 24 से 48 घंटे में और बारिश की संभावना जताई गई है, जिससे हालात और बिगड़ सकते हैं।  

 1,300 से अधिक लोगों को बचाया गया

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‘ऑपरेशन जलराहत-2’ के दूसरे दिन रविवार को भी भारतीय सेना और असम राइफल्स ने मणिपुर में व्यापक बाढ़ बचाव अभियान जारी रखा। पिछले दो दिनों में बच्चों और बुजुर्गों सहित 1,300 से अधिक नागरिकों को बचाया गया। अधिकारियों ने रविवार को यह जानकारी दी। रक्षा प्रवक्ता लेफ्टिनेंट कर्नल अमित शुक्ला ने कहा कि शनिवार को 800 लोगों को बचाया गया और रविवार को राजधानी इंफाल सहित सबसे अधिक प्रभावित इंफाल पूर्व और इम्फाल पश्चिम जिलों से 500 लोगों को सुरक्षित स्थानों और राहत शिविरों में ले जाया गया। 

रविवार को सेना और असम राइफल्स के जवानों ने वांगखेई, हेइंगंग, लामलोंग, खुरई, जेएनआईएमएस और अहलप जैसे गंभीर रूप से जलमग्न क्षेत्रों से लोगों को बचाया। लेफ्टिनेंट कर्नल शुक्ला ने कहा कि बचाव कार्यों के लिए सेना के इंजीनियरों की बीएयूटी, इन्फ्लेटेबल नावों से लैस 10 बाढ़ राहत कॉलम्स को तैनात किया गया था। उन्होंने कहा कि सैनिकों ने थौबल जिले के लिलोंग में अरपती लामखाई के पास टूटी हुई इरिल नदी की सीमा की दीवार की आपातकालीन मरम्मत भी की, ताकि आगे की बाढ़ को नियंत्रित किया जा सके। 

 ‘ऑपरेशन जलराहत-2’

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सरकारी स्वामित्व वाले जवाहरलाल नेहरू आयुर्विज्ञान संस्थान (जेएनआईएमएस) और अस्पताल में फंसे हुए मरीजों को सुरक्षित निकालने के लिए नावों का इस्तेमाल किया गया। राहत क्षेत्रों में विस्थापित परिवारों को लगभग 800 बोतल पीने का पानी और अन्य आवश्यक आपूर्ति वितरित की गई। लेफ्टिनेंट कर्नल शुक्ला ने कहा कि भारतीय सेना और असम राइफल्स प्रभावित समुदायों तक पहुंचने और सभी तरह की सहायता प्रदान करने के लिए नागरिक अधिकारियों के साथ घनिष्ठ समन्वय में काम करना जारी रखे हुए हैं। राज्य आपदा प्रबंधन अधिकारी ने कहा कि इम्फाल और इरिल सहित कई नदियों ने खुरई, हेइंगंग, चेकोन और वांगखेई सहित कम से कम पांच क्षेत्रों में तटबंधों को तोड़ दिया, जिससे राज्य की राजधानी और आसपास के इलाकों के बड़े हिस्से जलमग्न हो गए। इम्फाल पश्चिम जिले में नम्बुल नदी भी रविवार को उफान पर आ गई, जिससे उरीपोक और सामुसांग में बाढ़ आ गई। नगरम में, पूरे दिन बारिश जारी रहने के कारण बाढ़ का पानी आवासीय क्षेत्रों में घुसना शुरू हो गया।

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