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पूर्व उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने 40 दिन बाद सरकारी बंगला छोड़ा, चौटाला के फार्म हाउस में शिफ्ट

पूर्व उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने आखिर 40 दिन बाद सरकारी बंगला छोड़ दिया। गुमनामी के अंधेरे में गुम हुए उपराष्ट्रपति ने फिलहाल छतरपुर के एक प्राइवेट घर में शिफ्ट किया है। बाद में उन्हें सरकार टाइप आठ बंगला उपलब्ध कराएगा जाएगा। 

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Mukesh Pandit
Vice prasident Enclav
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नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क: स्वास्थ्य कारणों का हवाला देकर अचानक इस्तीफा देने वाले पूर्व उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने आखिर 40 दिन बाद सरकारी बंगला छोड़ दिया। गुमनामी के अंधेरे में गुम हुए उपराष्ट्रपति ने फिलहाल छतरपुर के एक प्राइवेट घर में शिफ्ट किया है। बाद में उन्हें सरकार टाइप आठ बंगला उपलब्ध कराएगी। जिसमें वे शिफ्ट हो जाएंगे। सरकारी सूत्रों के हवाले से बताया गया है कि उन्हें 34 एपीजे अब्दुल कलाम रोड वाला बंगला आवंटित हुआ है, लेकिन इसे तैयार होने में अभी करीब तीन महीने लगेंगे।

अभय चौटाला के फार्म हाउस में शिफ्ट हुए

इस्तीफा देने के बाद धनखड़ एकदम गुमनामी में चल लगे थे। 40 दिन बाद अचानक उनके सरकारी आवास खाली करने की खबर ने भी सभी को चौंका दिय़ा। वह इस दौरान न किसी से मिले और न किसी सार्वजनिक कार्यक्रम में नजर आए। उनको लेकर सियासी हलको में चर्चाएं चल रही थी।सीनियर एडवोकेट एवं राज्यसभा सदस्य कपिल सिब्बल ने उनकी गुमशुदगी को लेकर सवाल भी उठाए। एक निजी चैनल के इंटरव्यू में गृहमंत्री अमित शाह से भी सवाल किए गए। सोमवार को उन्होंने घर छोड़ने का फैसला किया। वे छतरपुर में रहने चले गए हैं, जो इनेलो नेता अभय चौटाला का फार्म हाउस है।

तीन महीने बाद होंगे सरकारी बंगले में शिफ्ट

सूत्रों के अनुसार पूर्व उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़  34 एपीजे अब्दुल कलाम रोड वाला बंगला आवंटित हुआ है, लेकिन इसे तैयार होने में अभी करीब तीन महीने लगेंगे। हालांकि शहरी विकास मंत्रालय के तहत आने वाले डायरेक्टर ऑफ़ एस्टेट ने पूर्व उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के लिए 34 एपीजे अब्दुल कलाम मार्ग पर टाइप 8 का बंगला ख़ाली करा लिया है।

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Type banglow
Type-8 banglow

किसे मिलता है टाइप-8 बंगला

ये कैबिनेट मंत्रियों, सर्वोच्च न्यायालय और दिल्ली उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों, राज्य मंत्रियों (एमओएस) और भारत सरकार के प्रमुख सचिवों के लिए हैं।
टाइप-8 बंगले देश में सर्वोच्च पदों पर आसीन व्यक्तियों या उन लोगों को अलॉट किए जाते हैं जिन्होंने पहले महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां निभाई हैं। इसमें पूर्व राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति भी शामिल हैं। जैसे- पूर्व उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू त्यागराज मार्ग पर एक टाइप-8 बंगले में रहते हैं। इसी तरह लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी को भी ऐसा ही एक बंगला अलॉट किया गया है। लोकसभा और राज्यसभा की आवास समिति वेतन, वरिष्ठता और उपलब्धता के आधार पर इन बंगलों का अलॉटमेंट करती है, जिसमें सांसदों, मंत्रियों और न्यायाधीशों को प्राथमिकता दी जाती है।

कैसे होते है टाइप-8 बंगले?

टाइप-8 बंगले सरकारी आवासों की सबसे उच्च श्रेणी के होती है। ये विशाल बंगले आमतौर पर 8,000 से 8,500 वर्ग फुट के क्षेत्र में फैले होते है। इनमें आठ कमरे होते हैं, जिनमें पांच से छह बेडरूम, एक लिविंग रूम, डाइनिंग एरिया, स्टडी रूम, गैरेज और सामने तथा पीछे बड़े लॉन शामिल होते है। यहां हाई लेवल की सुरक्षा व्यवस्था होती है, जिसमें 24 घंटे सुरक्षाकर्मी तैनात रहते हैं और एक सीसीटीवी कंट्रोल रूम भी होता है। इन बंगलों के डिजाइन में पेड़-पौधों से भरा एक बगीचा और बड़े लॉन शामिल होते हैं। मेहमानों और कर्मचारियों के लिए अलग से आवास की व्यवस्था होती है। लुटियंस दिल्ली में बने ये बंगले ब्रिटिश-काल की वास्तुकला के उल्लेखनीय उदाहरण है। s : jagdeep dhanghadh | Jagdeep dhankar | jagdeep dhakhar resign | jagdeep dhankar resign | jagdeep dhankar resign news | jagdeep dhankar resign inside story 

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