नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क। G7 समिट 2025 में जी7 से बुलावा न मिलने पर कांग्रेस ने भारत सरकार को घेरा है। भारत- पाक संघर्ष विराम में अमेरिकी मध्यस्थता के बाद जयराम रमेश ने इसे दूसरी कूटनीतिक चूक बताया है। कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने इस भारतीय कूटनीति की हार बताया है। उन्होंने ट्वीट कर लिखा है यह भारत की बड़ी कूटनीतिक गड़बड़ी है। छह साल में पहली बार यह सम्मेलन भारत की गैर मौजूदगी में संपन्न होगा। उन्होंने तंज किया है जी7 विश्वगुरू के बिना ही संपन्न होगा।
अमेरिका मध्यस्थता का भी जिक्र किया
कांग्रेस का कहना है कि भारत-पाकिस्तान मसले में अमेरिका को मध्यस्थता करने देने के बाद यह दूसरी बड़ी चूक है, जिससे भारत की वैश्विक साख पर असर पड़ा है। बता दें कि कनाडा के अल्बर्टा प्रांत में 15 से 17 जून के बीच यह सम्मेलन आयोजित किया जा रहा है। इस सम्मेलन अमेरिका, फ्रांस, ब्रिटेन, जर्मनी, इटली, जापान और कनाडा के नेता शामिल होंगे। इसके अलावा ब्राजील, दक्षिण अफ्रीका, यूक्रेन, ऑस्ट्रेलिया और मैक्सिको को भी आमंत्रण भेजा गया है, लेकिन भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पहली बार इसमें भाग नहीं लेंगे।
वर्षों पुरानी विदेश नीति कमजोर करने का भी आरोप
कांग्रेस महासचिव
जयराम रमेश ने X पर लिखा, "यह विफलता ऐसे समय पर हुई है जब भारत ने पाकिस्तान से 'तटस्थ स्थल' पर बातचीत और अमेरिका की मध्यस्थता को स्वीकार कर वर्षों पुरानी विदेश नीति को कमजोर किया है।"
उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह का उदाहरण देते हुए कहा कि "2007 के जर्मनी समिट में ‘सिंह-मर्केल फॉर्मूला’ जैसी ऐतिहासिक पहल हुई थी। तब भारत की बात को वैश्विक मंच पर गंभीरता से सुना जाता था।
इस फार्मूले को जलवायु परिवर्तन पर वैश्विक दिशा तय करने वाला माना गया।" कांग्रेस का दावा है कि भारत को G7 जैसे वैश्विक मंच से अलग रखा जाना मोदी सरकार की विफल विदेश नीति का नतीजा है, चाहे इसे किसी भी तरह से घुमाने की कोशिश की जाए।