Waqf amendment bill के कानून बनने की राह में अब कोई बाधा नहीं बची।
दोनों सदनों से पारित होने के बाद राष्ट्रपति के अनुमोदन पर यह
विधेयक कानून का रूप लेगा। आईए आपको बताते हैं कि नया कानून कैसे वक्फ संपत्तियों के बेहतर प्रबंधन का काम करेगा।
बता दें कि पहली बार 8 अगस्त, 2024 को यह विधेयक लोकसभा में पेश किया गया था। विपक्ष के विरोध के कारण इस विधेयक को संयुक्त संसदीय समिति को दे दिया गया था। मुस्लिम संस्थाओं और वक्फ बोर्ड अधिकारियों से बात की और वक्फ संपत्तियों का निरीक्षण किया। समिति ले लाखों लोगों की रायशुमारी के बाद 40 संसोधन पर विस्तार से चर्चा कर विधेयक में जरूरी सुधार किए।
गैर मुस्लिम सदस्य भी शामिल होंगे
नया कानून लागू होने के बाद वक्फ बोर्ड में गैर मुस्लिम सदस्य भी शामिल होंगे। इसके साथ ही इस्लाम धर्म से भी एक विशेषज्ञ आवश्यक रूप से शामिल किए जाएंगे।निर्णय की प्रक्रिया में गैर मुस्लिम, पसमांदा, पिछड़े और महिलाओं की भागीदार सुनिश्चित होगी। मुस्लिम किसी भी संपत्ति को वक्फ घोषित करने से पहले वेरिफिकेशन जरूरी होगा। जिलाधिकारी संबंधित संपत्तियों का सर्वेक्षण कर वक्फ के स्वामित्व की पुष्टि करेंगे, उसी के बाद वक्फ को संपत्ति का स्वामित्व मिलेगा।
दान से संबंधित नियम भी होंगे कड़े
वक्फ संसोधन विधेयक के कानून का रूप लेने के बाद वक्फ को दान संबंधित नियम कड़े हो जाएंगे। वक्फ को यूं ही कोई संपत्ति दान नहीं कर सकेगा। दान कर्ता को
कम से कम पांच वर्षों से इस्लाम धर्म का पालन करने वाला होना चाहिए। इसी संसोधन पर कांग्रेस सांसद
सैयद नसीर हुसैन ने सवाल उठाए थे और कहा था कि इस्लाम धर्म के पालन की तस्दीक कैसे की जाएगी, क्या सरकार उसके घर में सीसीटीवी लगाएगी।
कोई भी सरकारी संपत्ति वक्फ नहीं होगी
नया कानून बनने के बाद किसी भी सरकारी को वक्फ संपत्ति घोषित नहीं किया जा सकेगा। इस मामले में कानून में सख्त प्रावधान किए गए हैं ताकि सरकारी संपत्तियों को खुर्द बुर्द करने के सिलसिले को रोका जा सके। विधेयक का विरोध कर रहे मुस्लिम संगठनों को कानून के इस हिस्से पर भी एतराज है। हालांकि सुधारवादी मुस्लिम संगठनों ने विधेयक का समर्थन भी किया है।
संपत्ति में महिलाओं को भी अधिकार
नया कानून बनने के बाद मुस्लिम महिलाओं को भी विधवा, तलाकशुदा और अनाथ महिलाओं को अपनी पारिवारिक संपत्ति में अधिकार प्राप्त होगा। किसी वक्फ संपत्ति का सत्यापन नहीं पाया जाता तो यह देखना होगा कि उक्त संपत्ति पर किसी तरह का विवाद स्वामित्व का दावा तो नहीं है। संपत्ति तो सरकारी तो नहीं है।गैर विवादित और गैर सरकारी संपत्ति पर वक्फ को स्वामित्व दिया जाएगा। किसी संपत्ति को मनमाने ढ़ंग से वक्फ घोषित नहीं किया जा सकेगा।
हर साल ऑडिट अनिवार्य होगा
नया कानून लागू होने के बाद ऐसी सभी वक्फ संस्थाओं को हर साल अपना ऑडिट कराना होगा, जिनकी सालाना आय एक लाख रुपये से अधिक होगी। मुतवल्लियों को छह माह में संपत्ति का विवरण केंद्रीय वक्फ पोर्टल पर लोड करना अनिवार्य होगा। इससे डॉक्यूमेंटेशन में मदद मिलेगी और विवाद कम होंगे। देश के किसी अन्य कानून के तहत बनें ट्रस्ट वक्फ की संपत्ति नहीं माने जाएंगे।