नई दिल्ली, वाईबीएन नेटवर्क।
भारत अब डिजिटल सुरक्षा के क्षेत्र में एक बड़ा कदम उठाने जा रहा है। साइबर अपराधों से निपटने और देश के डिजिटल डेटा को हैकर्स से बचाने के लिए भारत ने अपनी ‘साइबर कमांडो’ की फौज तैयार की है। इस पहल के तहत, पहले बैच के 30 साइबर कमांडो ने भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान (IIIT) कोट्टायम में छह महीने की गहन ट्रेनिंग पूरी की है।
क्यों है यह ट्रेनिंग महत्वपूर्ण?
भारत के विभिन्न राज्य पुलिस बलों से चुने गए इन कमांडो को साइबर सुरक्षा के महत्वपूर्ण पहलुओं जैसे साइबर रक्षा रणनीतियों, हैकिंग, डिजिटल फोरेंसिक और डीप डेटा परीक्षण में प्रशिक्षण दिया गया। इसके साथ ही, उन्हें मान्यता प्राप्त साइबर सुरक्षा प्रमाणपत्र जैसे कि CEH (Certified Ethical Hacking), CHFI (Computer Hacking Forensic Investigator) और CPENT (Certified Penetration Testing Professional) दिए गए।
ग्लोबल स्तर पर तैयार
इस ट्रेनिंग ने इन साइबर कमांडो को राष्ट्रीय और वैश्विक दोनों स्तरों पर साइबर खतरों से निपटने के लिए पूरी तरह से तैयार कर दिया है। इन्हें केरल पुलिस साइबर डोम और ड्रोन लैब जैसे औद्योगिक दौरों में भी भाग लेने का मौका मिला, जिससे उन्हें वास्तविक दुनिया में साइबर खतरों का सामना करने का अनुभव हुआ।
भारत का साइबर सुरक्षा दृष्टिकोण
भारत सरकार और गृह मंत्रालय के दिशा-निर्देशों के तहत इस साइबर कमांडो प्रशिक्षण कार्यक्रम की शुरुआत की गई है। इसका उद्देश्य साइबर सुरक्षा के क्षेत्र में एक नई पीढ़ी के विशेषज्ञ तैयार करना है, जो देश के डिजिटल पारिस्थितिकी तंत्र को सुरक्षित रखें। अब, ये कमांडो हर साइबर हमले का सामना करने के लिए पूरी तरह तैयार हैं।