नई दिल्ली, वाईबीएन नेटवर्क।
एक तरफ भारत सरकार मोदी और ट्रंप को दोस्त बता रही है तो दूसरी तरफ ट्रंप के फैसले भारत के लिए मुश्किलें खड़ी कर रहे हैं। भारत के लोगों के साथ कैदीओं की तरह बरताव करने के बाद ट्रंप ने अब भारत को एक और झटका दिया है। डोनाल्ड ट्रंप ने ईरान के चाबहार बंदरगाह को लेकर बड़ा फैसला लिया है, ट्रंप के इस फैसले से भारत को झटका लगा है।
अमेरिका के नए राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के फैसले भारत के लिए काफी मुश्किल भरे नजर आ रहे हैं। इसी के तहत अब ट्रंप प्रशासन ने एक और फैसला लिया है, जिसके तहत भारत पर ईरान के चाबहार बंदरगाह में निवेश करने पर रोक लगाई जा सकती है। खबरों की मानें तो राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इस फैसले पर हस्ताक्षर कर दिए हैं। हालांकि अभी तक केंद्र सरकार ने ट्रंप के फैसले और इस फैसले के असर को लेकर कुछ नहीं कहा है। डोनाल्ड ट्रंप द्वारा साइन किए गए फैसले का नाम 'नेशनल सिक्योरिटी प्रेसिडेंशियल मेमोरेंडम' है।
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डोनाल्ड ट्रंप ने यह फैसला ईरान को आर्थिक रूप से पंगु बनाने के लिए लिया है। अपने विदेश मंत्री मार्को रुबियो और अमेरिकी वित्त मंत्री स्कॉट बेसेंट को आदेश देते हुए ट्रंप ने कहा है कि ईरान पर ज्यादा से ज्यादा दबाव बनाया जाए ताकि जल्द से जल्द ईरान की आय पर लगाम लगाई जा सके।
ताकि ईरान के तेल, बंदरगाहों और निवेश को रोका जा सके, जिससे उसकी आय को रोका जा सके। इसके साथ ही ट्रंप ने कहा है कि अगर ईरान उनकी हत्या की साजिश में शामिल पाया जाता है तो उसे पूरी तरह से नष्ट कर दिया जाएगा।
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इस फैसले का भारत पर कितना असर होगा?
ट्रम्प के निर्णय में कहा गया है कि:
"अमेरिका ने ईरान को अभी तक जिन प्रतिबंधों में छूट दी है, देश के विदेश मंत्री उन छूट को संशोधित करेंगे या उसे रद्द कर देंगे। खास तौर पर वो तमाम रास्ते, जिनसे ईरान को आर्थिक फायदा पहुंचता हो, उन सभी रास्तों को बंद किया जाएगा। इसमें ईरान की चाबहार बंदरगाह प्रोजेक्ट को लेकर दी जा रही छूट भी शामिल है।"
यहां आपको बता दें कि भारत अफगानिस्तान और ईरान के साथ हुए समझौते के तहत ईरान के चाबहार बंदरगाह में निवेश कर रहा है, जिसके तहत भारत ने वहां शाहिद बेहेश्टी टर्मिनल बनाया है। चाबहार मामले में अमेरिका के वाइडेन प्रशासन ने भारत को विशेष छूट दी थी, जिसे ट्रंप ने सत्ता में आते ही रद्द कर दिया है। जिसका साफ मतलब है कि भारत को भी इस फैसले की कीमत चुकानी पड़ेगी।
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