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नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क: कांग्रेस नेता और सांसद शशि थरूर ने अमेरिका के साथ भारत के व्यापारिक रिश्तों पर चिंता जताते हुए कहा है कि देश को अपने वार्ताकारों को पूरी ताकत और समर्थन देना चाहिए, ताकि दोनों देशों के बीच एक संतुलित और भारत के हित में समझौता हो सके। उन्होंने यह भी कहा कि भारत को अमेरिका के अलावा अन्य बाजारों में भी निर्यात के विकल्प तलाशने होंगे, ताकि किसी एक देश पर निर्भरता से होने वाले नुकसान की भरपाई की जा सके।
रणनीतिक और आर्थिक रिश्ते बेहद अहम
शशि थरूर ने लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी के उस बयान पर सीधे टिप्पणी करने से इनकार किया, जिसमें राहुल ने अमेरिका की अर्थव्यवस्था को "डेड इकॉनमी" बताया था। थरूर ने कहा, "उन्होंने जो कहा, उसके अपने कारण होंगे। मेरी प्राथमिक चिंता यह है कि अमेरिका के साथ हमारे रणनीतिक और आर्थिक रिश्ते बेहद अहम हैं। हम हर साल अमेरिका को करीब 90 अरब डॉलर का निर्यात करते हैं। इस संबंध को कमजोर करने का जोखिम हम नहीं उठा सकते।"
उपराष्ट्रपति पद को लेकर बयान
अगले उपराष्ट्रपति के चयन को लेकर पूछे गए सवाल पर थरूर ने कहा, “यह साफ है कि अगला उपराष्ट्रपति वही होगा जिसे सत्ता पक्ष नामित करेगा, क्योंकि चुनावी गणित उनके पक्ष में है। हम उम्मीद करते हैं कि इस बार विपक्ष से भी बातचीत होगी, लेकिन यह देखना बाकी है।”
मानहानि मामले पर प्रतिक्रिया
एक पुराने मानहानि केस को लेकर सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी पर प्रतिक्रिया देते हुए शशि थरूर ने कहा कि देश की न्यायिक व्यवस्था की एक बड़ी समस्या यह है कि कई बार बेहद मामूली मामलों को भी अदालतों में खींचा जाता है और इस प्रक्रिया में ही व्यक्ति को सज़ा मिल जाती है। थरूर ने कहा कि उन्होंने एक लेख के हवाले से 2011 में एक व्यक्ति का बयान उद्धृत किया था, जो पहले संघ से जुड़ा था और बाद में भाजपा में शामिल होकर पूर्वी उत्तर प्रदेश का प्रभारी बना। “सिर्फ इस उद्धरण के आधार पर छह साल बाद मुझ पर केस कर दिया गया। ऐसे में कोर्ट की यह सलाह कि मामला खत्म किया जाए।