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India-Pakistan Ceasefire: आतंकवाद पर भारत सख्त, पाकिस्तान को मिला कड़ा संदेश

भारत और पाकिस्तान के बीच चार दिन तक चले संघर्ष का निचोड़ यह रहा कि भारत ने आतंकवाद के खिलाफ सैन्य कार्रवाई से पूरी दुनिया और पाकिस्तान को कड़ा संदेश दिया।

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Dhiraj Dhillon
विदेश सचिव विक्रम मिस्री, कर्नल सोफिया कुरैशी और विंग कमांडर व्योमिका सिंह

Photograph: (Google)

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नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क। भारत और पाकिस्तान के बीच घोषित संघर्षविराम के बाद यह सवाल लाजमी है कि ऑपरेशन सिंदूर के जरिए भारत ने क्या पाया और क्या खोया। जहां सीमावर्ती क्षेत्रों में कुछ निर्दोष नागरिकों की जानें गईं, वहीं एक राष्ट्र के रूप में भारत ने जो संकल्प दोहराया, वह ऐतिहासिक है। ऑपरेशन सिंदूर ने न केवल आतंकवादियों को करारा जवाब दिया, बल्कि एक रणनीतिक बदलाव का संकेत भी दिया है। भारत अब सिर्फ प्रतिक्रिया नहीं देगा, बल्कि निर्णायक और पहले से तय नीति के तहत कार्रवाई करेगा।

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सीजफायर से पहले भारत का स्पष्ट संदेश

भारत ने स्पष्ट कर दिया कि यदि सीमा पार से आतंकवाद जारी रहा, तो वह सौ किलोमीटर के भीतर तक जाकर भी हमला करने से पीछे नहीं हटेगा। यही भारत की आतंकवाद के खिलाफ नई नीति है- एक निर्णायक और आक्रामक न्यू नार्मल। सीजफायर की घोषणा से पहले भारत सरकार ने कड़ा संकेत दिया कि भविष्य में आतंकवाद की कोई भी घटना सीधे युद्ध जैसी मानी जाएगी और उसी प्रकार की जवाबी कार्रवाई की जाएगी। यह न केवल पाकिस्तान बल्कि पूरे विश्व समुदाय के लिए संदेश था, भारत अब विदेशी भूमि से पोषित आतंक को सहन नहीं करेगा।

ऑपरेशन सिंदूर: रणनीति, संकल्प और सटीक निशाना

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6-7 मई की रात को भारतीय सेना ने पाकिस्तान के अंदर नौ ठिकानों पर मिसाइल हमले किए, जिसमें 100 से अधिक आतंकवादी ढेर हुए। इनमें कई वांटेड आतंकी भी शामिल थे। यह कार्रवाई पहलगाम हमले के जवाब में की गई थी, जिसमें 26 निर्दोष नागरिक मारे गए थे।

भारत के हित सर्वोपरि, सिंधु जल संधि निलंबित

सीजफायर के बावजूद भारत ने सिंधु जल संधि को निलंबित रखा है। विश्व बैंक द्वारा खुद को इस विवाद से अलग बताने के बाद भारत की स्थिति और मजबूत हुई है। पाकिस्तान की 80% कृषि सिंधु जल पर निर्भर है और अगर भारत अपने जल अधिकारों का पुनर्विचार करता है, तो पाकिस्तान की खाद्य सुरक्षा खतरे में पड़ सकती है।
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मोदी की निर्णायक लीडरशिप

तीन दिनों की सैन्य कार्रवाई के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सीधे मोर्चा संभाला, सेना के साथ निरंतर संपर्क बनाए रखा और सटीक रणनीति के तहत काम किया। उन्होंने स्पष्ट कर दिया कि नागरिक ठिकानों पर हमलों के बावजूद भारत संयम से काम लेगा, लेकिन जवाब पूरी तैयारी के साथ दिया जाएगा। प्रधानमंत्री मोदी पहले ही कह चुके हैं- भारत का पानी अब भारत के काम आएगा। अगर वार्ता होगी भी, तो वह भारत के किसानों और राष्ट्रीय हितों के अनुरूप ही होगी।

ऑपरेशन सिंदूर जैसी कार्रवाई फिर संभव

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भारत ने यह भी संकेत दिया है कि यदि पाकिस्तान आतंकवाद को बढ़ावा देता रहा, तो 'ऑपरेशन सिंदूर' अंतिम नहीं होगा। भविष्य में भी ऐसी कार्रवाई की जाएगी। यह भारत की इच्छाशक्ति की जीत है, जिसने बार-बार परमाणु धमकियों का सहारा लेने वाले पाकिस्तान को यह दिखा दिया कि भारत झुकेगा नहीं। 
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