India- Pakistan Ceasefire: DGMO मीटिंग से पहले PMO में बैठक, तीनों सेनाध्यक्ष और CDS हुए शामिल
डीजीएमओ बैठक से पहले प्रधानमंत्री नरेद्र मोदी ने तीनों सेनाध्यक्षों के साथ बैठक बुलाई है। इस बैठक में शामिल होने के लिए सीडीएस अनिल चौहान भी प्रधानमंत्री आवास पर पहुंच गए हैं।
नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क। भारत- पाकिस्तान के बीच सीजफायर के बाद आज दोनों देशों के डीजीएमओ की बैठक होगी। इस बैठक से पहले प्रधानमंत्री नरेद्र मोदी ने तीनों सेनाध्यक्षों के साथ बैठक बुलाई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 7, लोक कल्याण मार्ग में इस बैठक की अध्यक्षता की। इस हाई लेबल मीटिंग में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, विदेश मंत्री एस. जयशंकर, NSA अजीत डोभाल, CDS अनिल चौहान, विदेश सचिव विक्रम मिस्री और तीनों सेनाओं के प्रमुख मौजूद रहे।
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#WATCH दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 7, LKM में एक बैठक की अध्यक्षता की।
बैठक में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, विदेश मंत्री एस. जयशंकर, NSA अजीत डोभाल, CDS, तीनों सेनाओं के प्रमुख मौजूद रहे। pic.twitter.com/bDDyWwyQav
पीएमओ में बैठक से पहले विंग कमांडर (सेवानिवृत्त) प्रफुल बख्शी ने कहा- "डीजीएमओ की बैठक होने जा रही है, दोनों कहेंगे कि हम शांति चाहते हैं, जो कि सही भी है। इसलिए सीजफायर को बढ़ाया जाएगा और इसे अंतिम रूप दिया जाएगा। भारत अपनी शर्तें रखेगा, बैठक के बाद ही हम इस पर टिप्पणी कर पाएंगे। लेकिन भारत अपना पक्ष मजबूती से रखेगा, आतंकवाद का मुद्दा उठेगा। पाकिस्तान से कहा जाएगा कि आप आतंकवादी गतिविधियों के पीछे हैं, अब पाकिस्तान जो कहना है कहे। ये सवाल तो उठाना ही होगा।
सीजफायर समझौते को अंजाम देगी डीजीएमओ बैठक
भारत और पाकिस्तान के डीजीएमओ (DGMO) बैठक करने जा रहे हैं, जिसका उद्देश्य हाल ही में बनी सीजफायर समझौते को धरातल पर उतारना और भविष्य के लिए इसे स्थायी रूप देना है। पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत ने 7 मई को पाकिस्तान में आतंकी ठिकानों पर एयर स्ट्राइक कर निर्णायक कार्रवाई की थी। भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने अमेरिका को आश्वासन दिया था कि भारत पाकिस्तान में मौजूद आतंकियों को निशाना बनाएगा, और भारत की यह कार्रवाई सैन्य, राजनीतिक और मनोवैज्ञानिक तीनों स्तरों पर एक बड़ी सफलता मानी जा रही है।
भारत को अपना पक्ष रखना होगा
विशेषज्ञों का कहना है कि यह बैठक बहुत महत्वपूर्ण है। ध्यान इस बात पर रहेगा कि भारत और पाकिस्तान के बीच जो समझ बनी है, उसे आगे कैसे बढ़ाया जाए और इसे स्थायी कैसे बनाया जाए। यह सुनिश्चित करना जरूरी है कि पाकिस्तान दोबारा इस समझौते का उल्लंघन न करे और किसी भी भड़काऊ कदम से बचे। भारत इस बैठक में स्पष्ट रूप से अपनी शर्तें रखेगा, खासतौर पर आतंकवाद के मुद्दे पर, और पाकिस्तान से जवाब मांगा जाएगा कि वह इन गतिविधियों पर लगाम कैसे लगाएगा।
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