नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क। भारत ने गुरुवार को एक बार फिर स्पष्ट किया कि पाकिस्तान के साथ बातचीत तभी हो सकती है जब वह सीमा पार आतंकवाद बंद कर दे। भारत की यह टिप्पणी पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ द्वारा कश्मीर, आतंकवाद, जल और व्यापार समेत सभी लंबित मुद्दों को सुलझाने के लिए भारत के साथ शांति वार्ता करने की इच्छा व्यक्त करने के जवाब में आई है।
आतंकवाद और वार्ता साथ-साथ नहीं
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने अपनी साप्ताहिक प्रेस वार्ता में कहा, 'हम दोहराना चाहेंगे कि आतंकवाद और वार्ता एक साथ नहीं चल सकते।' उनका यह बयान तब आया जब उनसे इस सप्ताह तेहरान में शरीफ की उस टिप्पणी के बारे में पूछा गया जिसमें उन्होंने कहा था कि पाकिस्तान भारत के साथ शांति वार्ता करना चाहता है।
केवल पीओके सौंपने और आतंकवाद के मुद्दे पर कर सकते हैं बात
जायसवाल ने इस बात पर भी जोर दिया कि भारत, पाकिस्तान के साथ केवल पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) को नई दिल्ली को सौंपने और आतंकवाद के मुद्दे पर ही बातचीत करेगा। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान को उन आतंकवादियों को भारत को सौंपना चाहिए, जिनकी सूची हमने कुछ वर्ष पहले उसे सौंपी थी।
आतंकवाद को समर्थन बंद करे तो देंगे पानी
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा, 'जहां तक सिंधु जल संधि का सवाल है, यह तब तक स्थगित रहेगी जब तक पाकिस्तान सीमा पार आतंकवाद को अपना समर्थन देना बंद नहीं कर देता। जैसा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था, 'आतंकवाद और वार्ता एक साथ नहीं चल सकते, आतंकवाद और व्यापार एक साथ नहीं चल सकते, और पानी और खून एक साथ नहीं बह सकते।'
भारत पहलगाम हमले के बाद सिंधु जल संधि स्थगित किया
भारत ने 23 अप्रैल को सिंधु जल संधि को स्थगित करने समेत पाकिस्तान के खिलाफ कई कदम उठाये जाने की घोषणा की थी। इन कदमों की घोषणा पहलगाम आतंकवादी हमले के एक दिन बाद की गई थी। पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकवादी हमले में 26 लोग मारे गए थे।