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श्रीनगर, वाईबीएन डेस्क:जम्मू-कश्मीर के कुपवाड़ा जिले में एलओसी पर रविवार को सुरक्षा बलों ने आतंकवादियों की घुसपैठ की कोशिश को नाकाम कर दिया, जिसमें दो आतंकवादी ढेर हो गए। केरन सेक्टर में हुई इस कार्रवाई के दौरान संदिग्ध गतिविधि पर सतर्क सैनिकों ने एंटी-इनफिल्ट्रेशन ऑपरेशन शुरू किया। ऑपरेशन अभी भी जारी है और सुरक्षा बल आतंकवादियों, उनके सहयोगियों और समर्थकों के खिलाफ लगातार कार्रवाई कर रहे हैं।
आतंकियों के साथ सहानुभूति रखने वालों के खिलाफ कार्रवाई
सुरक्षा बल आतंकियों, उनके समर्थकों और सहानुभूति रखने वालों के खिलाफ कार्रवाई कर रहे हैं। ड्रग तस्कर और हवाला रैकेट भी निशाने पर हैं, क्योंकि इनसे मिलने वाला पैसा आतंकवाद को बढ़ावा देने में इस्तेमाल होता है। भारतीय सेना और सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) इस बार एलओसी और अंतर्राष्ट्रीय सीमा (आईबी) पर 24/7 निगरानी रख रहे हैं, ताकि सर्दियों में बर्फबारी से पहले आतंकवादी सीमा पार कर भारतीय क्षेत्र में घुसने की कोशिश न कर सकें।
जम्मू-कश्मीर में 740 किलोमीटर लंबी एलओसी
जम्मू-कश्मीर में 740 किलोमीटर लंबी एलओसी है जिसकी सुरक्षा सेना करती है और 240 किलोमीटर लंबी अंतर्राष्ट्रीय सीमा है जिसकी सुरक्षा बीएसएफ करती है। एलओसी घाटी के बारामूला, कुपवाड़ा और बांदीपोरा जिलों और जम्मू संभाग के राजौरी, पुंछ और जम्मू जिलों के कुछ हिस्सों में स्थित है।
बीएसएफ एंटी-ड्रोन उपकरण इस्तेमाल कर रहा है
पाकिस्तान में पाकिस्तानी सेना की मदद से काम करने वाले आतंकवादी संगठन आतंकवाद को जारी रखने के लिए हथियारों, गोला-बारूद, नकदी और ड्रग्स जैसे सामान ले जाने के लिए ड्रोन का इस्तेमाल करते हैं। ज्यादातर मामलों में, आतंकवादी संगठन इन सामानों को इकट्ठा करते हैं। बीएसएफ एंटी-ड्रोन उपकरण इस्तेमाल कर रहा है, जिससे अंतरराष्ट्रीय सीमा पार से भेजे जाने वाले ड्रोन के खतरे पर काफी हद तक काबू पाया गया है।
इनपुट-आईएएनएस
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