Advertisment

ISRO Chairman : आईआईटी खड़गपुर के टॉपर वी नारायणन होंगे इसरो चेयरमैन

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के नए अध्यक्ष के रूप में रॉकेट और स्पेसक्राफ्ट प्रपल्शन के क्षेत्र के चार दशकों के अनुभवी डॉ वी नारायणन की नियुक्त की गई है, जो 14 जनवरी को कार्यभार ग्रहण करेंगे।

author-image
Mukesh Pandit
एडिट
dr VnNarayan

Photograph: (file)

Listen to this article
0.75x1x1.5x
00:00/ 00:00

नई दिल्ली, वाईबीएन नेटवर्क।

प्रतिष्ठित वैज्ञानिक एवं रॉकेट और स्पेसक्राफ्ट प्रपल्शन के क्षेत्र के अनुभवी डॉ वी नारायणन को भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के नए अध्यक्ष के रूप में नियुक्ति की है। वे 14 जनवरी को एस सोमनाथ का स्थान लेंगे। नारायणन देश के ही सबसे प्रतिष्ठित संस्थान आईआईटी खड़गपुर के टॉपर रहे हैं। वे वर्ष 1984 में इसरो में शामिल हुए थे।
यह भी पढ़ें: Maharashtra: फिर साथ आएंगे चाचा-भतीजा, मंत्री बनेंगी सुप्रिया सुले, महाराष्ट्र में क्या सियासी खिचड़ी पक रही है!

सोमनाथ होंगे 14 जनवरी को सेवानिवृत्त

उल्लेखनीय है कि इसरो अध्यक्ष एस सोमनाथ का 14 जनवरी को दो साल का कार्यकाल पूरा करने के बाद सेवानिवृत्त हो जाएंगे। एस सोमनाथ ने 14 जनवरी 2022 को इसरो के अध्यक्ष के रूप में कार्यभार संभाला था। नियुक्ति समिति के आदेश के अनुसार, डॉ वी नारायणन अगले दो वर्षों तक या आगामी आदेश तक इन दोनों महत्वपूर्ण पदों पर कार्य करेंगे।
यह भी देखें:Bharatpol Portal: गृह मंत्री अमित शाह ने लांच किया ‘भारतपोल पोर्टल’ 

1200 से अधिक आंतरिक रिपोर्ट्स पर किया है काम 

डॉ. नारायणन ने कई महत्वपूर्ण तकनीकी शोधपत्रों का प्रकाशन किया है, जिनमें 1200 आंतरिक रिपोर्ट्स, 50 जर्नल/रिसर्च पेपर और 3 पुस्तक अध्याय शामिल हैं। इसके अतिरिक्त, उन्होंने आईआईटी और एनआईटी जैसे प्रमुख इंजीनियरिंग संस्थानों में कई उल्लेखनीय है स्पीच दी हैं और 10 दीक्षांत समारोहों में भी भाग लिया है। वी नारायणन जाने माने प्रतिष्ठित वैज्ञानिक हैं, जिनके पास रॉकेट और स्पेसक्राफ्ट प्रपल्शन के क्षेत्र में लगभग चार दशकों का अनुभव है। इनदिनों वह लिक्विड प्रोपल्शन सिस्टम सेंटर (LPSC) के निदेशक के तौर पर कार्यरत हैं जो ISRO का एक प्रमुख केंद्र है।

यह भी देखें:Amit Shah ने दिया आदेश, जल्द से जल्द लागू हो नए आपराधिक कानून

विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र से हुई थी शुरुआत

Advertisment

डॉ. नारायणन की वैज्ञानिक यात्रा की शुरुआत विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र (VSSC) से हुई, जहां उन्होंने Augmented Satellite Launch Vehicle (ASLV) और Polar Satellite Launch Vehicle (PSLV) के विकास में अहम योगदान दिया। इसके अलावा उन्होंने कई प्रमुख प्रणालियों जैसे Ablative नोजल सिस्टम, कॉम्पोजिट मोटर केस और कॉम्पोजिट इग्निटर केस के निर्माण और परीक्षण में भी अहम भूमिका निभाई। वी नारायणन ने ISRO के अंतरिक्ष मिशनों को सफल बनाने में महत्वपूर्ण योगदान दिया है जिससे भारत को अंतरिक्ष क्षेत्र में एक अग्रणी राष्ट्र बनने में मदद मिली है।

B.Tech, M.Tech और Phd हैं नारायणन

इसरो के नए प्रमुख डॉ. वी नारायणन ने आईआईटी खड़गपुर से साल 1989 में क्रायोजैनिक इंजीनियरिंग में एमटेक फर्स्ट रैंक से पास किया। इसके बाद साल 2001 में एयरोस्पेस इंजीनियरिंग में पीएचडी पूरी की। उन्हें एस्ट्रोनॉमिकल सोसाइटी ऑफ इंडिया से गोल्ड मेडल मिल चुका है।

यह भी देखें:CAG report : केजरीवाल के ‘शीशमहल’ पर 33.66 करोड़ खर्च, भाजपा का आरोप
साल 1984 में हुई इसरो में एंट्री

Advertisment


डॉ. वी नारायणन तमिलनाडु के कन्याकुमारी के रहने वाले हैं। LPSC के अनुसार, इसरो में उनकी एंट्री साल 1984 में हुई थी। शुरुआत के करीब चार साल तक उन्होंने विक्रम साराभाई स्पेस सेंटर में साउंडिंग रॉकेट्स, ऑगमैंटेड सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल और पोलर सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल के सॉलिड प्रोपल्सन क्षेत्र में काम किया।

Advertisment
Advertisment