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नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क। मेघालय सरकार एड्स के बढ़ते मामलों को देखते हुए शादी से पहले एचआईवी टेस्ट कराना अनिवार्य करने का कानून लाने की तैयारी में है। गोवा में यह कानून पहले से लागू है। कपल को दांपत्य जीवन से पहले सिर्फ एचआईवी ही नहीं, तीन अन्य मेडिकल टेस्ट जरूर कराना चाहिए। इससे दांपत्य जीवन स्वस्थ और खुशहाल रहेगा।
1. एचआईवी टेस्ट
शादी से पहले ह्यूमन इम्यूनोडेफिशिएंसी वायरस (HIV) टेस्ट कराए जाने वाले सबसे महत्वपूर्ण टेस्ट में से एक है। इस टेस्ट सुनिश्चित होता है कि कपल में कोई इस वायरस से संक्रमित तो नहीं है।
जांच जरूरी क्यों?
एचआईवी यौन संचारित रोग है। पार्टनर संक्रमित है तो शादी के बाद संक्रमण का खतरा बढ़ता है। इसका समय रहते पता चलने पर न केवल संक्रमण को दूसरे पार्टनर तक फैलने से रोका जा सकता है, बल्कि मां से बच्चे में संक्रमण के जोखिम को भी कम किया जा सकता है।
2. इनफर्टिलिटी टेस्ट
इनफर्टिलिटी टेस्ट भावी जोड़ों के लिए महत्वपूर्ण है। खासकर वे बच्चे पैदा करने की योजना बना रहे हैं। टेस्ट से दोनों भागीदारों की प्रजनन क्षमता का आकलन होता है।
जरूरी क्यों?
टेस्ट से पुरुष में शुक्राणु की गुणवत्ता-संख्या या महिला में ओवुलेशन और प्रजनन अंगों से संबंधित संभावित समस्याओं का पता चल सकता है। समस्या पाई जाती है तो दंपति को पहले से पता होगा और वे भावनात्मक, मानसिक और आर्थिक रूप से भविष्य के लिए तैयार हो सकते हैं।
3. डायबिटीज टेस्ट
डायबिटीज (मधुमेह) पुरानी बीमारी है। यह जीवनशैली और स्वास्थ्य पर गहरा प्रभाव डालती है। शादी से पहले इस टेस्ट से पता चल सकता है कि क्या पार्टनर डायबिटीज है या प्रीडायबिटिक अवस्था में है। समय रहते पता चलने पर जीवनशैली में बदलाव और उचित प्रबंधन से गर्भावस्था के दौरान जेस्टेशनल डायबिटीज के जोखिम से बचा जा सकता है। यह कपल को एक साथ स्वस्थ आदतें अपनाने के लिए प्रेरित करता है।
4.दिल की जांच
इसमें कोलेस्ट्रॉल स्तर (लिपिड प्रोफाइल) और रक्तचाप की जांच शामिल होती है। उच्च कोलेस्ट्रॉल और उच्च रक्तचाप शुरुआती चरणों में लक्षण नहीं दिखाते। ये दिल रोगों के प्रमुख जोखिम के कारक हैं। इन टेस्ट से पता चल सकता है कि क्या पार्टनर को पहले से दिल से जुड़ी समस्या तो नहीं है।
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