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Kailash Mansarovar यात्रा का ऐलान, पहलगाम अटैक के बाद सुरक्षा के ऐसे किए हैं इंतजाम...

पांच साल के इंतजार के बाद कैलास मानसरोवर यात्रा (kailash Mansarovar Yatra) की शुरुआत होने जा रही है। विदेश मंत्रालय ने शनिवार को 'कैलास मानसरोवर यात्रा 2025' की आधिकारिक घोषणा कर दी है।

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Pratiksha Parashar
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नई दिल्ली, वाईबीएन नेटवर्क। पांच साल के इंतजार के बाद कैलाश मानसरोवर यात्रा (kailash Mansarovar Yatra) की शुरुआत होने जा रही है। विदेश मंत्रालय ने शनिवार को 'कैलाश मानसरोवर यात्रा 2025' की आधिकारिक घोषणा कर दी है। यह यात्रा जून से अगस्त 2025 के बीच आयोजित की जाएगी। एक तरफ पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद लोग यात्रा को लेकर डरे हुए हैं, दूसरी तरफ इस यात्रा की घोषणा की गई है। सरकार ने सुरक्षा के लिहाज से इस रूट को सैनेटाइज करने की योजना बनाई है। 

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कैलाश मानसरोवर यात्रा

तिब्बत के क्षेत्र में स्थित कैलाश पर्वतआस्था के लिहाज से भारतीयों के लिए बेहद अहम है। भारत-चीन सीमा विवाद के बाद कैलाश मानसरोवर यात्रा पर रोक लगा दी गई थी। पांच साल बाद यह यात्रा फिर शुरू की जा रही है। धार्मिक आस्था और सांस्कृतिक महत्व से जुड़ी कैलास मानसरोवर यात्रा खास तौर पर हिंदुओं के लिए महत्वपूर्ण मानी जाती है, क्योंकि कैलाश मानसरोवर भगवान शिव का निवास स्थान माना जाता है। इसके अलावा, यह जैन और बौद्ध धर्म के अनुयायियों के लिए भी पवित्र स्थल है।

कैसे करें कैलाश यात्रा के लिए आवेदन

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मंत्रालय के अनुसार, इच्छुक यात्री यात्रा के लिए kmy.gov.in वेबसाइट पर ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। वर्ष 2015 से यात्रा की पूरी चयन प्रक्रिया कम्प्यूटरीकृत कर दी गई है, जिससे पारदर्शिता सुनिश्चित होती है। इस वर्ष यात्रा दो मार्गों से आयोजित होगी, पहली उत्तराखंड के लिपुलेख दर्रे से, जिसमें 5 बैच होंगे। प्रत्येक बैच में 50 यात्री होंगे। दूसरी सिक्किम के नाथू ला दर्रे से होगी, जिसमें 10 बैच होंगे, प्रत्येक बैच में 50 यात्री होंगे। इस तरह कुल 750 भारतीय श्रद्धालु इस बार कैलाश मानसरोवर की यात्रा कर सकते हैं। 

कैसे होगा यात्रियों का चयन?

यात्रियों का चयन निष्पक्ष कम्प्यूटर प्रणाली के जरिए किया जाएगा और उन्हें बैच और मार्ग आवंटित किए जाएंगे। एक बार तय होने के बाद आमतौर पर इनमें बदलाव नहीं किया जाएगा। हालांकि, जरूरत पड़ने पर यात्री रिक्त स्थान होने की स्थिति में बैच परिवर्तन का अनुरोध कर सकते हैं। अंतिम निर्णय मंत्रालय का होगा।

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अमरनाथ यात्रा के लिए सुरक्षा व्यवस्था

केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने शुक्रवार को भरोसा दिलाया कि हाल ही में पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बावजूद अमरनाथ यात्रा पूर्व निर्धारित समय अनुसार 3 जुलाई से शुरू होगी। उन्होंने कहा कि कश्मीर में पर्यटन और विकास रुकने नहीं दिया जाएगा। बता दें कि अमरनाथ यात्रा दो मार्गों से होती है- पहलगाम और बालटाल। पहलगाम का रास्ता पारंपरिक व लंबा है, जबकि बालटाल का मार्ग छोटा लेकिन चुनौतीपूर्ण माना जाता है। हमले के बाद तीर्थयात्रियों की सुरक्षा के लिए सरकार ने दोनों रूटों को सैनिटाइज करने और सुरक्षा के कड़े इंतज़ाम करने का निर्णय लिया है।

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