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बाली, वाईबीएन संवाददाता
बरेली। श्री अमरनाथ यात्रा 2025 की तिथियाँ घोषित कर दी गई हैं। इस वर्ष यह पवित्र यात्रा 3 जुलाई से प्रारंभ होकर 9 अगस्त तक चलेगी। बाबा बर्फानी के दर्शन के इच्छुक श्रद्धालु इन तिथियों के दौरान पवित्र गुफा की यात्रा कर सकेंगे। यात्रा को सुगम और सुरक्षित बनाने के लिए प्रशासन द्वारा आवश्यक तैयारियां की जा रही हैं, जिसमें सुरक्षा व्यवस्था, चिकित्सा सुविधाएँ और यात्रा मार्ग की देखरेख शामिल है।
हर साल लाखों श्रद्धालु बाबा अमरनाथ के दर्शन करने के लिए कठिन यात्राओं में से एक, श्री अमरनाथ यात्रा में शामिल होते हैं। यह पवित्र यात्रा कश्मीर की दुर्गम पहाड़ियों से होकर गुजरती है और समुद्र तल से लगभग 3,888 मीटर की ऊँचाई पर स्थित श्री अमरनाथ गुफा तक पहुँचती है। गुफा में भक्त प्राकृतिक रूप से बनने वाले बर्फ के शिवलिंग के दर्शन करते हैं, जिसे भगवान शिव का दिव्य प्रतीक माना जाता है। इस आध्यात्मिक यात्रा के दौरान भक्तों को कठिन भू-भाग, बर्फीले रास्तों और प्रतिकूल मौसम का सामना करना पड़ता है, लेकिन उनकी आस्था उन्हें आगे बढ़ने की शक्ति प्रदान करती है।
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श्री अमरनाथ यात्रा के लिए दो प्रमुख मार्ग हैं – पहलगाम मार्ग (जो परंपरागत और अपेक्षाकृत आसान मार्ग है) और बालटाल मार्ग (जो छोटा लेकिन अधिक कठिन और दुर्गम मार्ग है)। श्रद्धालुओं की सुविधा और यात्रा के सुचारू संचालन के लिए प्रशासन द्वारा सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए जाते हैं। इस वर्ष भी CRPF, सेना और जम्मू-कश्मीर पुलिस व्यापक सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित करेगी। इसके अलावा, मार्गों पर चिकित्सा सुविधाएँ, राहत केंद्र और निगरानी व्यवस्था को भी मजबूत किया गया है ताकि श्रद्धालु निर्बाध रूप से अपनी यात्रा पूरी कर सकें।
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श्री अमरनाथ यात्रा में भाग लेने के इच्छुक श्रद्धालुओं के लिए पूर्व-निबंधन (प्रारंभिक रजिस्ट्रेशन) अनिवार्य होगा, जो बैंकों और ऑनलाइन पोर्टल्स के माध्यम से किया जा सकेगा। यात्रा को सुगम बनाने के लिए बुजुर्ग और असमर्थ यात्रियों के लिए हेलिकॉप्टर सेवा उपलब्ध कराई जाएगी, जिससे वे सीधे गुफा के नजदीक पहुँच सकें। अमरनाथ यात्रा कठिन पहाड़ी मार्गों से होकर गुजरती है, इसलिए यात्रियों को शारीरिक रूप से स्वस्थ होना आवश्यक है। अत्यधिक ऊँचाई और ठंड को ध्यान में रखते हुए प्रशासन ने स्वास्थ्य प्रमाण पत्र अनिवार्य किया है। साथ ही, यात्रा के दौरान गर्म कपड़े, रेनकोट, ऊनी दस्ताने और मजबूत जूते साथ रखना जरूरी होगा ताकि श्रद्धालु कठिन मौसम परिस्थितियों का सामना आसानी से कर सकें।
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श्री अमरनाथ गुफा को भगवान शिव की दिव्य गुफा माना जाता है, जहाँ उन्होंने देवी पार्वती को अमरत्व का रहस्य (अमरकथा) सुनाया था। इसी कारण यह स्थल हिंदू श्रद्धालुओं के लिए अत्यंत पावन और श्रद्धा का केंद्र माना जाता है। मान्यता है कि जो भक्त सच्चे मन और श्रद्धा के साथ इस पवित्र गुफा के दर्शन करने आते हैं, उनकी सभी मनोकामनाएँ पूर्ण होती हैं। हर वर्ष लाखों श्रद्धालु कठिन यात्रा तय करके बाबा बर्फानी के दर्शन करने आते हैं और आध्यात्मिक आशीर्वाद प्राप्त करते हैं।
यात्रा का आरंभ: 3 जुलाई 2025
यात्रा का समापन: 9 अगस्त 2025
पंजीकरण आरंभ: जल्द घोषित की जाएगी