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Iran से लौटे कश्मीरी छात्र CM Umar पर भड़के, बोले- Plane भेजो

ऑपरेशन सिंधु के तहत ईरान से 110 भारतीय दिल्ली पहुंचे। इस जत्थे में 90 छात्र जम्मू-कश्मीर से हैं। छात्रों को लाने के लिए सीएम उमर अब्दुल्ला ने बसें भेजी हैं, जिसे लेकर छात्रों ने नाराजगी जताई है।

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Pratiksha Parashar
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नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्कऑपरेशन सिंधु के तहत इंडिगो की फ्लाइट 6E 9487 के माध्यम से ईरान से 110 भारतीय नागरिक दिल्ली पहुंचे। इस पहले जत्थे में शामिल अधिकतर लोग छात्र हैं, जिनमें से 90 जम्मू-कश्मीर से हैं। इन छात्रों को पहले आर्मेनिया ले जाया गया, फिर वहां से दोहा होते हुए गुरुवार सुबह वे दिल्ली पहुंचे। छात्रों को दिल्ली से जम्मू-कश्मीर लाने के लिए राज्य सरकार द्वारा रोडवेज बसों की व्यवस्था की गई है, जिसे देखकर छात्रों में नाराजगी देखी गई।

छात्रों की नाराजगी, सीएम उमर को ठहराया जिम्मेदार

जानकारी के मुताबिक, जम्मू कश्मीर सरकार ने छात्रों को दिल्ली से जम्मू कश्मीर ले जाने के लिए रोडवेज बसों की व्यवस्था कराई, जिनकी हालत काफी खराब थी। बसों की खराब हालत को लेकर छात्रों ने नाराजदगी जताई। कई छात्रों ने बसों की जर्जर स्थिति पर नाराजगी जाहिर की और मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला को इसके लिए जिम्मेदार ठहराया। छात्रों ने प्लेन भेजने की मांग भी की, ताकि वे जल्द से जल्द घर पहुंच सकें।

इन बसों से ट्रैवल नहीं कर सकते....

एक छात्रा ने कहा, "हम भारत सरकार के बहुत आभारी हैं, लेकिन हम जैसे ही दिल्ली पहुंचे हमें ये बसें प्रोवाइड की गईं हैं। हमें कहा गया है कि आप कश्मीर इन बसों से जाओ, जो कि 20 घंटे का सफर है, इन बसों में जो एक्सपायर हो चुकी हैं। हम ऑलरेडी 5 दिन से ट्रैवल कर रहे हैं बहुत थके हुए हैं, इनमें ट्रैवल नहीं कर सकते हैं। हमें कहा गया था कि आपकी सेफ्टी हमारी फर्स्ट प्रायोरिटी है, लेकिन यह हमारी सेफ्टी है देखिए, हम यह डिजर्व नहीं करते।"

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भारत सरकार की व्यवस्था की तारीफ, लेकिन...

एक अन्य छात्रा ने भारत लौटने पर खुशी जताई। भारत सरकार की व्यवस्था की जमकर तारीफ की। वहीं जम्मू-कश्मीर सरकार द्वारा बसें प्रोवाइड कराने पर नाराजगी जताई और कहा कि हमारी ट्रैवल करने की हालत नहीं है। बस की हालत अच्छी नहीं है। छात्रा ने रिक्वेस्ट करते हुए कहा कि अच्छी व्यवस्था करें, ताकि हम जल्द से जल्द परिवार से मिल सकें। 

सीएम उमर अब्दुल्ला से अपील

ईरान से दिल्ली पहुंचे छात्र अब सेफ महसूस कर रहे हैं। एक छात्रा ने कहा, "वहां की स्थिति बहुत खराब है। हमें सुरक्षित दिल्ली पहुंचाने के लिए हम सरकार के बहुत आभारी हैं। अब, हमें उम्मीद है कि हमें कश्मीर में हमारे घरों तक भी सुरक्षित पहुंचाया जाएगा। अगर हर भारतीय को घर पहुंचाया जा रहा है, तो हम सभी 110 लोगों को क्यों नहीं? हम जम्मू-कश्मीर के सीएम उमर अब्दुल्ला से अपील करते हैं कि वे हमें घर वापस लाने में मदद करें। हम पिछले पांच दिनों से यात्रा कर रहे हैं।"

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सीएम ने गंभीरता से ली छात्रों की शिकायत

इस पूरे मामले की जानकारी मिलने के बाद जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने एक्स पर एक पोस्ट के ज़रिए बताया कि छात्रों की शिकायतों को गंभीरता से लिया गया है। उन्होंने कहा कि संबंधित अधिकारियों को निर्देश दे दिए गए हैं। उमर अब्दुल्ला ने यह भी बताया कि रेजिडेंट कमिश्नर को जेकेआरटीसी के साथ समन्वय स्थापित करने की जिम्मेदारी दी गई है, ताकि छात्रों के लिए बेहतर और डीलक्स बसों की व्यवस्था सुनिश्चित की जा सके।

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