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नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क। Fastag latest news: अगर आप भी टोल प्लाजा पर अपनी गाड़ी की विंडस्क्रीन पर फास्टैग न लगाकर, हाथ में लेकर दिखा रहे हैं, तो यह खबर आपके लिए है। अब यह तरीका आपको भारी पड़ सकता है। नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (NHAI) ने ऐसे लूज FASTag इस्तेमाल करने वालों को ब्लैकलिस्ट करना शुरू कर दिया है। एनएचएआई ने 1 जुलाई 2025 से यह सख्त नियम लागू किया है। यह निर्णय टोल पर फास्टैग के दुरुपयोग को रोकने के लिए लिया गया है।
कौन-कौन से टोल प्लाजा पर हुई कार्रवाई?
25 जुलाई तक की रिपोर्ट के अनुसार NHAI को निम्नलिखित टोल प्लाजा से लूज फास्टैग उपयोगकर्ताओं की जानकारी मिली है:
नवाबगंज: 275 वाहन
बारा: 135 वाहन
इटौंजा: 77 वाहन
सहिजना: 36 वाहन
निगोहां (दखिना): 78 वाहन
इन 601 वाहनों के फास्टैग को ब्लैकलिस्ट करने की सिफारिश इंडियन हाईवे मैनेजमेंट कंपनी लिमिटेड (IHMCL) को भेज दी गई है।
बैंक भी करेंगे कार्रवाई, जब्त होगी फास्टैग की रकम
एनएचएआई द्वारा आईएचएमसीएल को भेजी गई रिपोर्ट के आधार पर संबंधित बैंक इन फास्टैग को ब्लैकलिस्ट करेंगे। साथ ही, उस फास्टैग में जो भी बैलेंस होगा, उसे जब्त कर लिया जाएगा। यानी फास्टैग यूजर को दोहरा नुकसान होगा, न केवल ब्लैकलिस्टिंग बल्कि धन की जब्ती भी।
क्या है टैग इन हैंड और क्यों है यह नियम जरूरी?
एनएचएआई के अनुसार हाथ में पकड़कर फास्टैग दिखाना गैर कानूनी है। दरअसल ऐसा करने से फास्टैग का दुरुपयोग होने की आशंका बनी रहती है। इसके साथ ही विंडस्क्रीन पर आधा चिपका फास्टैग भी नियम के विपरीत है। इन दोनों ही स्थितियों को “टैग इन हैंड” माना गया है, जो नियमों के विरुद्ध है। यह न सिर्फ सिस्टम के लिए बाधा है, बल्कि टोल पर फास्टैग की निगरानी को भी चुनौती देता है। टोल प्लाजा पर ऐसे मामलों की रिपोर्टिंग के लिए एनएचएआई ने हर टोल पर एक आधिकारिक ईमेल आईडी दी है, जहां से जानकारी IHMCL को भेजी जाती है।