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Malegaon Blast case: कोर्ट ने झूठे आरोपियों पर सख्त कार्रवाई का दिया आदेश

मालेगांव विस्फोट मामले में एनआईए कोर्ट ने खुलासा करते हुए आरोप लगाया कि यह मामला झूठे आरोपों और गढ़े हुए सबूतों पर आधारित था। वकील प्रशांत मग्गू ने इस मामले में आरोप लगाया कि निर्दोषों को फंसाने के लिए जानबूझकर RDX जैसे खतरनाक तत्वों का नाम लिया गया।

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Ranjana Sharma
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कोर्ट की डीएम को चेतावनी Photograph: (YBN)

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नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क:मालेगांव विस्फोट मामले में एनआईए कोर्ट ने एक खुलासा किया है। वकील प्रशांत मग्गू ने आरोप लगाया कि मामले में झूठे सबूत पेश किए गए और निर्दोषों को फंसाने के लिए केस गढ़ा गया। कोर्ट ने सख्त रुख अपनाते हुए उन लोगों के खिलाफ कार्रवाई के आदेश दिए हैं जिन्होंने RDX जैसे खतरनाक तत्वों का इस्तेमाल कर यह साजिश रची। अब इन आरोपियों के खिलाफ जांच और मुकदमा चलाया जाएगा।

पूरी तरह से बेबुनियाद थे आरोप 

प्रशांत मग्गू ने कहा कि यह पूरा केस झूठा था, इसे जानबूझकर गढ़ा गया और निर्दोष लोगों को फंसाने के लिए RDX जैसे खतरनाक पदार्थ का नाम लिया गया। उनका यह भी कहना था कि मामले में आरोपित लोगों के खिलाफ लगाए गए आरोप पूरी तरह से बेबुनियाद थे और यह एक बड़ी साजिश का हिस्सा था।

झूठे केस में फंसाने वालों को खिलाफ चलेगा मुकदमा 

कोर्ट ने इस गंभीर मामले पर सख्त रुख अपनाया है और उसने उन लोगों के खिलाफ कार्रवाई करने के आदेश दिए हैं जिन्होंने यह झूठा केस बनाया और निर्दोषों को फंसाया। साथ ही, कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि जो लोग RDX का इस्तेमाल करने और निर्दोषों को झूठे आरोपों में फंसाने के लिए जिम्मेदार थे, उनके खिलाफ अब जांच और मुकदमा चलाया जाएगा।

जांच बताएगी केस के पीछे था किसका हाथ 

इस मामले के सामने आने के बाद, अब यह सवाल उठ रहा है कि कितने और ऐसे मामले हैं, जिनमें झूठे आरोप और गढ़े हुए सबूतों का सहारा लिया गया हो? न्याय की इस नई लहर ने मालेगांव विस्फोट के पीड़ितों के लिए एक नई उम्मीद दी है। इस मामले में आगे की जांच से यह साफ होगा कि इस गढ़े गए केस के पीछे किसका हाथ था और यह साजिश किसने रची। Malegaon blast case 2008

Malegaon blast case 2008
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