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Photograph: (Google)
नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क: संसद के मानसून सत्र के दौरान आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत के हालिया बयान को लेकर राज्यसभा में विपक्ष के नेता और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि भागवत जिस तरह से इतिहास को लेकर बयान दे रहे हैं, वह देश की ऐतिहासिक समझ को तोड़ने की कोशिश है।
RSS का इतिहास भारत के इतिहास से बिल्कुल अलग
खरगे ने कहा, मोहन भागवत पंडित जवाहरलाल नेहरू द्वारा लिखित पुस्तक ‘डिस्कवरी ऑफ इंडिया’ को खारिज करते हैं। इतना ही नहीं, विश्वविद्यालयों में इतिहास पढ़ाने वाले प्रोफेसरों की मान्यताओं और शोध को भी खारिज करते हैं। उन्होंने आगे कहा कि RSS का इतिहास भारत के मुख्य इतिहास से बिल्कुल अलग रहा है।" यह टिप्पणी स्पष्ट तौर पर संघ और कांग्रेस की वैचारिक सोच के बीच गहरे टकराव को दर्शाती है।
भारत का इतिहास सही ढंग से नहीं पढ़ाया
हाल ही में मोहन भागवत ने एक कार्यक्रम में यह कहा था कि भारत का इतिहास सही ढंग से नहीं पढ़ाया गया और उसे पुनः लिखने की आवश्यकता है, ताकि आने वाली पीढ़ियों को "सही इतिहास" का बोध हो सके। उनके इस बयान को लेकर राजनीतिक हलकों में हलचल मच गई है।खरगे ने राज्यसभा में सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि यदि संस्थागत इतिहास को नकारा जाएगा, तो यह देश की बौद्धिक परंपरा और लोकतंत्र के लिए खतरा है।
कांग्रेस का आरएसएस पर आरोप
कांग्रेस लगातार आरएसएस पर यह आरोप लगाती रही है कि वह इतिहास के तथ्यों को तोड़-मरोड़ कर पेश करता है और भारत के स्वतंत्रता संग्राम में अपने योगदान को बढ़ा-चढ़ाकर दिखाता है। मल्लिकार्जुन खरगे का यह बयान उसी क्रम में देखा जा रहा है। mallikarjun kharge