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आंख में आंसू, हाथों में तस्वीर....कर्नल पत्नी ने रोते हुए दी शहीद पायलट को अंतिम सलामी, भावुक कर देगा Video

केदारनाथ हादसे में शहीद पायलट राजवीर सिंह चौहान की अंतिम यात्रा के दौरान उनकी पत्नी कर्नल दीपिका चौहान पति की तस्वीर देखकर फफक-फफककर रो पड़ीं। यह अंतिम विदाई हर किसी की आंखें नम कर गई।

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Pratiksha Parashar
Wife of pilot Rajveer Singh Chauhan
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नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क केदारनाथ हेलीकॉप्टर हादसे में जान गंवाने वाले पायलट राजवीर सिंह की मंगलवार को अंतिम यात्रा निकाली गई। इस दौरान भावुक करने वाला नजारा देखने को मिला। लेफ्टिनेंट कर्नल (रिटायर) राजवीर सिंह चौहान की पत्नी कर्नल दीपिका चौहान पति की तस्वीर देखते ही अपने आंसू नहीं रो पाईं और फूट-फूटकर रो पड़ीं। रिटायर्ड लेफ्टिनेंट कर्नल राजवीर सिंह चौहान चार महीने पहले ही वे जुड़वां बच्चों के पिता बने थे।

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जब रो पड़ीं फौलादी अफसर...

राजवीर सिंह के निवास पर उन्हें अंतिम सलामी दी गई। पत्नी ने वर्दी पहन उन्हें अंतिम श्रद्धांजलि दी। राजवीर सिंह का अंतिम सफर मंगलवार को जयपुर में उनके घर से शुरू हुआ। मोक्षधाम तक ले जाते वक्त हर मोड़ पर भीड़ उमड़ पड़ी। कोई फूल लेकर पुष्पांजली देने आया, कोई झुकी निगाहों से सलाम करने। इस यात्रा में सबसे भावुक पल तब आया, जब उनकी पत्नी, कर्नल दीपिका चौहान, सेना की वर्दी में पति की तस्वीर को निहारती हुई फूट-फूटकर रो पड़ीं। किसी तरह उन्होंने खुद को संभाला। इसके बाद जब अंतिम यात्रा शुरू हुई तो कर्नल दीपिका चौधरी वीरगति को प्राप्त हुए पति की तस्वीर हाथों में लेकर चल रहीं थीं। हर कदम पर उनकी आंख नम हो रही थीं, वे अपने आंसू नहीं रोक पाईं। फौलादी हौसले वाली इस महिला अफसर की आंखों से बहते आंसू हर किसी का दिल चीर गए।

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नम हो गईं हर किसी की आंखें

राजस्थान सरकार के मंत्री और पूर्व फौजी राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने भी इस अंतिम यात्रा में शामिल होकर वीर सपूत को सलामी दी। शहीद राजवीर सिंह चौहान की मां, परिजन और रिश्तेदारों के चेहरे पर पीड़ा साफ झलक रही थी। मगर साथ ही गर्व भी था कि उनका बेटा देश के लिए जिया और उसी मिट्टी में अमर हो गया।

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परिवार को अंतिम दर्शन का मौका नहीं मिला

राजवीर सिंह का चेहरा हादसे में बुरी तरह झुलस गया था। परिवार को अंतिम दर्शन का मौका भी नहीं मिल सका। बड़े भाई ने अंगूठी और घड़ी से ही पहचान की। पुलिस ने डीएनए जांच के लिए भी नमूने लिए, ताकि कोई शक की गुंजाइश न बचे।

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सेवानिवृत्ति के बाद भी नहीं छोड़ी देशसेवा

राजवीर ने सेना में 15 वर्षों तक सेवा दी थी। आर्टिलरी से लेकर आर्मी एविएशन तक का सफर। उन्होंने पठानकोट जैसे संवेदनशील इलाकों में तैनाती के दौरान कई जोखिमभरे मिशनों को अंजाम दिया। सेवानिवृत्ति के बाद भी वो रुके नहीं, देश सेवा की भावना के साथ उन्होंने आर्यन एविएशन में बतौर पायलट नई पारी शुरू की थी। किसे पता था कि ये उड़ान उनकी आखिरी उड़ान होगी। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा और पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भी इस दुखद क्षति पर शोक जताया। kedarnath helicopter accident | kedarnath helicopter crash 

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