/young-bharat-news/media/media_files/2025/04/14/QlfqvQ0rsEMqfNZVgD9U.jpg)
Photograph: (Google)
नई दिल्ली, वाईबीएन नेटवर्क।
Bengal News: पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले में हालात अब भी तनावपूर्ण हैं, जहां हाल की हिंसक घटनाओं के मद्देनजर सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है। प्रभावित क्षेत्रों में 1,600 सुरक्षाबलों को तैनात किया गया है। स्थिति यह है कि जिले के धूलियान इलाके से 500 से अधिक हिंदू परिवारों ने सुरक्षा कारणों से पलायन कर मालदा जिले में शरण ली है। हिंसा झेल रहे लोगों ने केंद्र सरकार से राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू करने की मांग की है। वहीं, हिंसक विरोध प्रदर्शनों में तीन लोगों की मौत के सिलसिले में अब तक 12 और गिरफ्तारियां हुई हैं।
मुर्शिदाबाद समेत इन जिलों में हुए थे हिंसक प्रदर्शन
शनिवार को वक्फ कानून के विरोध में मुर्शिदाबाद के अलावा उत्तर 24 परगना, हुगली और मालदा जिलों में भी हिंसक प्रदर्शन हुए थे। पुलिस महानिदेशक राजीव कुमार ने बताया कि फिलहाल स्थिति नियंत्रण में है और बीते 24 घंटों में कोई नई हिंसा की खबर नहीं मिली है। मुर्शिदाबाद के सुती, धूलियान, शमशेरगंज और जंगीपुर इलाकों में सड़कों पर सन्नाटा पसरा रहा और अधिकांश दुकानें बंद रहीं। धूलियान से विस्थापित लोगों ने मालदा के लालपुर हाईस्कूल, देवनापुर-सोवापुर ग्राम पंचायत और बैष्णबनगर क्षेत्रों में शरण ली है।
हिंदुओं के घर आग के हवाले करने का आरोप
मालदा में शरण लेने वालों ने आरोप लगाया कि उनके घरों को आग के हवाले कर दिया गया, महिलाओं के साथ दुर्व्यवहार किया गया और पुरुषों को पीटकर घर छोड़ने की धमकी दी गई। एक फार्मेसी संचालक ने कहा कि उन्होंने पिछले 50 वर्षों में ऐसी हिंसा कभी नहीं देखी। बीएसएफ के डीआईजी नीलोत्पल कुमार पांडे ने बताया कि मुर्शिदाबाद में हालात तनावपूर्ण जरूर हैं, लेकिन नियंत्रण में हैं। सुती और शमशेरगंज इलाकों में बीएसएफ की नौ कंपनियां तैनात की गई हैं।
हिंसा की जड़ें: वक्फ विधेयक से उपजा तनाव
मुर्शिदाबाद में हिंसा की शुरुआत 8 अप्रैल, 2025 को वक्फ (संशोधन) विधेयक के विरोध में हुए प्रदर्शनों से हुई। इस विधेयक को लेकर मुस्लिम समुदाय के एक वर्ग में आशंका है कि यह उनकी धार्मिक संपत्तियों को प्रभावित करेगा। जंगीपुर, सूती, धुलियान और शमशेरगंज जैसे मुस्लिम बहुल क्षेत्रों में प्रदर्शनकारियों ने सड़कों पर उतरकर विरोध जताया। पुलिस के साथ झड़पों के दौरान वाहनों में आगजनी, पथराव और बमबाजी की घटनाएं हुईं। कुछ स्थानीय लोगों और पत्रकारों के अनुसार, यह हिंसा केवल विधेयक तक सीमित नहीं थी, बल्कि लंबे समय से चली आ रही हिंदू- मुस्लिम तनाव ने इसे और भड़काया।