Advertisment

Rajnath Singh बोले - लोगों की मंशा के हिसाब से देंगे पाकिस्तान को जवाब , सुरक्षा की जिम्मेदारी मेरी

 रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने  नई दिल्ली के भारत मंडपम में आयोजित सांस्कृतिक महोत्सव के दौरान दोहराया कि पहलगाम के दोषियों को किसी हाल में बख्शा नहीं जाएगा। आतंकी हमले की कड़ी भर्त्सना करते हुए कहा कि भारत ऐसी कायराना हरकतों को बर्दाश्त नहीं करेगा

author-image
Mukesh Pandit
एडिट
Rajnath singh
Listen to this article
0.75x 1x 1.5x
00:00 / 00:00

नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क।  रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने  नई दिल्ली के भारत मंडपम में आयोजित सांस्कृतिक महोत्सव के दौरान दोहराया कि पहलगाम के दोषियों को किसी हाल में बख्शा नहीं जाएगा। आतंकी हमले की कड़ी भर्त्सना करते हुए कहा कि भारत ऐसी कायराना हरकतों को बर्दाश्त नहीं करेगा और देश की जनता की इच्छा के अनुरूप कार्रवाई होगी।  राजनाथ सिंह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जोखिम लेने की क्षमता पर भरोसा जताते हुए कहा कि इस हमले का मुंहतोड़ जवाब दिया जाएगा। अपने देश के लोगों की सुरक्षा की जिम्मेदारी मेरी है । 

Advertisment

पूज्य संतों का आशीर्वाद मांगा

उल्लेखनीय है कि 22 अप्रैल को हुए इस हमले में 26 लोग मारे गए थे, जिसकी जिम्मेदारी लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े TRFने ली थी। राजनाथ सिंह ने कहा, 'राजनीति' शब्द दो शब्दों 'राज' और 'नीति' से मिलकर बना है, लेकिन विडंबना यह है कि राजनीति शब्द अपना अर्थ खो चुका है। मुझे पूज्य संतों का आशीर्वाद चाहिए। मुझे आपका आशीर्वाद चाहिए ताकि हम इसे भारत की राजनीति में पुनः स्थापित कर सकें।"

सनातन धर्म की महत्ता पर भी बल

Advertisment

रक्षा मंत्री ने देश की सांस्कृतिक विरासत और सनातन धर्म की महत्ता पर भी बल दिया। उन्होंने कहा कि संत सुधांशु जी महाराज जैसे तपस्वी संत इस देश की संस्कृति को संरक्षित करने का महान कार्य कर रहे हैं। उन्होंने समाज को जीने की सही प्रेरणा दी है, जो आज के तनावपूर्ण युग में अत्यंत आवश्यक है।

युवा पीढ़ी तकनीकी युग में भी सत्संग के प्रति आसक्त

राजनाथ सिंह ने यह भी कहा कि आज की युवा पीढ़ी तकनीकी युग में भी सत्संग और पूजा-पाठ की ओर आकर्षित हो रही है, जो अत्यंत सकारात्मक संकेत है। उन्होंने साधु-संतों की भूमिका की सराहना करते हुए कहा, “जिस प्रकार सैनिक राष्ट्र की सीमाओं की रक्षा करते हैं, उसी प्रकार साधु-संत संस्कृति और आध्यात्मिक विरासत की रक्षा करते हैं।”

Advertisment

तपस्या और तलवार चलाना भी :  राजनाथ

उन्होंने भारत को वीरों की भूमि बताते हुए कहा, "यह देश तपस्या करना भी जानता है और आवश्यकता पड़ने पर तलवार चलाना भी। हमारे साधु-संतों ने समय-समय पर योद्धाओं की तरह देश और धर्म की रक्षा की है।"

Advertisment
Advertisment