नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर शनिवार को मची भगदड़ के बाद रेलवे कर्मचारियों ने स्टेशन पर यहां-वहां बिखरे पड़े उस सामान और अवशेषों को रात भर हटाया,जो कुछ ही घंटे पहले हुई दर्दनाक घटना के गवाह थे। प्लेटफॉर्म संख्या 14 और 15 पर जूते, फटे बैग और खाद्य सामग्रियों के पैकेट बिखरे पड़े थे। व्यस्त स्टेशन पर सामान्य स्थिति बहाल करने के लिए कर्मचारियों को रविवार की सुबह तक मलबा हटाते और निजी सामान इकट्ठा करते देखा गया, लेकिन इस त्रासदी ने ऐसे निशान छोड़े हैं जिन्हें इतनी आसानी से मिटाया नहीं जा सकता।
इस संबंध में एक रेलवे कर्मचारी ने कहा, ‘‘हर जगह सामान बिखरा पड़ा था। चप्पल, आधा खाया हुआ खाना और यहां तक कि एक बच्चे का स्कूल बैग भी था। लोगों को अपना सामान उठाने का समय नहीं मिला। वे बस अपनी जान बचाने के लिए भागे।’’ प्लेटफॉर्म पर बिखरे पड़े निजी सामान के भयावह दृश्य खोई हुई जिंदगियों की दर्दनाक याद दिलाते हैं। भगदड़ शनिवार रात करीब नौ बजकर 55 मिनट पर हुई, जब हजारों यात्री प्रयागराज जाने वाली ट्रेन में सवार होने के लिए स्टेशन पर उमड़ पड़े।
Advertisment
New Delhi Stampede Photograph: (Google)
ट्रेन चलने से प्लेटफार्म पर भीड़ थी
जब प्रयागराज एक्सप्रेस ट्रेन प्लेटफॉर्म संख्या 14 पर खड़ी थी, तब वहां पहले से ही लोगों की भारी भीड़ थी। स्वतंत्रता सेनानी एक्सप्रेस और भुवनेश्वर राजधानी एक्सप्रेस देरी से चल रही थीं और इन ट्रेनों के यात्री भी प्लेटफॉर्म नंबर 12, 13 और 14 पर मौजूद थे। सूत्रों ने बताया कि स्थिति तब और खराब हो गई जब आखिरी समय में प्लेटफॉर्म बदलने की घोषणा की गई। उन्होंने बताया कि यात्री घबराहट में प्लेटफॉर्म संख्या 16 की ओर भागे, जहां एक ‘एस्केलेटर’ जानलेवा बिंदु बन गया।
सुरक्षाकर्मियों ने हस्तक्षेप करने की कोशिश की, लेकिन भीड़ इतनी अधिक थी कि उसे काबू नहीं किया जा सका। सूत्रों ने बताया कि कुछ यात्रियों ने भागने के लिए ‘रेलिंग’ पर चढ़ने की कोशिश की, जबकि कुछ अन्य लोग पैरों तले कुचले गए, जब अराजकता कम हुई, तब तक 18 लोग अपनी जान गंवा चुके थे। मृतकों में पांच बच्चे भी शामिल हैं। इसके अलावा 12 से अधिक लोग घायल हुए हैं। भोर होते ही रेलवे कर्मचारियों ने सफाई का काम शुरू कर दिया।
New Delhi Stampede Photograph: (Google)
बेटे का बैग देख फफक पड़ा पिता
समाचार एजेंसी ‘पीटीआई’ द्वारा साझा किए गए वीडियो में कर्मचारी प्लेटफॉर्म से मलबा हटाते और पटरी साफ करते दिखाई दे रहे हैं। लोक नायक जय प्रकाश अस्पताल में शोकसंतृप्त परिवार अपने प्रियजनों की पहचान करने के लिए पहुंचे। अपने लापता बेटे की तलाश कर रहे एक व्यक्ति को जब स्टेशन से बरामद सामान में अपने बच्चे का एक नीला बैग दिखा तो वह रो पड़ा। उसने कहा, ‘‘वह (मेरा बेटा) सिर्फ 12 साल का था। उसे मेरे साथ ट्रेन में चढ़ना था।’’
सूत्रों ने बताया कि रेलगाड़ियों के विलंब से चलने तथा हर घंटे 1,500 ‘जनरल’ (सामान्य) टिकट की बिक्री के कारण नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर अव्यवस्था की स्थिति उत्पन्न हो गई। सुरक्षा उपाय अब कड़े कर दिए गए हैं और अधिकारियों ने इस बात की जांच शुरू कर दी है कि आखिर क्या गलत हुआ। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भगदड़ में लोगों की मौत पर शोक व्यक्त किया।
सामान्य रेल परिचालन फिर से बहाल हो गया है, हालांकि शनिवार रात की आपदा की गूंज अब भी सुनाई दे रही है। एक मां अब भी अपनी लापता बेटी की तलाश कर रही है, रेलवे कर्मचारी बिखरी हुई चीजों को अब भी समेटने में जुटे हैं। इस भयावह रात के निशान पूरी तरह से कभी मिटाए नहीं जा सकेंगे।
New Delhi Railway Station stampede: "My wife is missing", says eyewitness