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Photograph: (Google)
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नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क। जम्मू-कश्मीर के पहलगाम आतंकी हमले का बदला लेने के लिए भारतीय सेना ने ऑपरेशन महादेव के तहत तीन लश्कर-ए-तैयबा आतंकियों को उनका सैटेलाइट फोन ट्रैक कर कैसे मौत के घाट उतार दिया। श्रीनगर के पास स्थित दाचीगाम के ऊपरी जंगलों में हुई मुठभेड़ के बारे में पूरी डिटेल जानने के लिए इस खबर को पूरा पढ़ें।
कैसे हुआ ऑपरेशन महादेव शुरू?
सेना को पहलगाम हमले में इस्तेमाल की गई कम्युनिकेशन डिवाइस के दोबारा एक्टिवेट होने के संकेत मिले। यह संकेत मिलने के बाद 4 पैरा स्पेशल फोर्सेज और 24 राष्ट्रीय राइफल्स ने मिलकर दाचीगाम वन क्षेत्र को चारों ओर से घेर लिया। आतंकियों ने खुद को घिरा देखकर फायरिंग शुरू कर दी। भीषण गोलीबारी के बाद तीन आतंकी ढेर हो गए।
कौन थे मारे गए आतंकी?
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सेना ने देर रात तक उनकी पहचान आधिकारिक रूप से घोषित नहीं की, लेकिन सैन्य सूत्रों के अनुसार:
एक आतंकी सुलेमान उर्फ आसिफ, पहलगाम हमले का मास्टरमाइंड था।दूसरा- जिबरान, सोनमर्ग टनल हमले में शामिल था।तीसरा- हमजा अफगानी, विदेशी आतंकी बताया जा रहा है।मुठभेड़ स्थल से अमेरिका निर्मित M4 कार्बाइन, AK-सीरीज की दो राइफलें और भारी मात्रा में गोला-बारूद बरामद हुआ है।
एक आतंकी सुलेमान उर्फ आसिफ, पहलगाम हमले का मास्टरमाइंड था।दूसरा- जिबरान, सोनमर्ग टनल हमले में शामिल था।तीसरा- हमजा अफगानी, विदेशी आतंकी बताया जा रहा है।मुठभेड़ स्थल से अमेरिका निर्मित M4 कार्बाइन, AK-सीरीज की दो राइफलें और भारी मात्रा में गोला-बारूद बरामद हुआ है।
कम्युनिकेशन डिवाइस से मिली कामयाबी
सेना को 22 अप्रैल के हमले के बाद से ही एक सैटेलाइट डिवाइस की ट्रैकिंग से सुराग मिला था। करीब दो हफ्ते पहले डिवाइस से संदिग्ध संचार मिलने पर सेना सतर्क हो गई और ऑपरेशन की तैयारी शुरू की।आईजीपी कश्मीर वीके बिरदी ने बताया कि शवों की शिनाख्त के बाद नामों की पुष्टि की जाएगी। 10 नवंबर 2024 को भी इसी इलाके में मुठभेड़ हुई थी लेकिन आतंकी फरार हो गए थे। 3 दिसंबर 2024 को लश्कर आतंकी जुनैद भट इसी क्षेत्र में मारा गया था।
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क्यों नाम रखा गया 'ऑपरेशन महादेव'?
दाचीगाम क्षेत्र जबरवान रेंज का हिस्सा है, जहां स्थित है महादेव चोटी। यह धार्मिक और सामरिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है। यहीं से लिदवास और मुलनार क्षेत्र दिखाई देते हैं, इसलिए ऑपरेशन का नाम 'महादेव' रखा गया। लेफ्टिनेंट विनय नरवाल के पिता राजेश नरवाल ने कहा, “हमें विश्वास था कि हमारी सेना आतंकियों को छोड़ेगी नहीं। बहादुरी से जवाब देने के लिए सेना, अर्धसैनिक बल और पुलिस के जवानों को सलाम।”
एनआईए की जांच और गिरफ्तारियां
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राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने पहले परवेज और बशीर अहमद को गिरफ्तार किया था, जिन्होंने पहलगाम हमले में तीन पाकिस्तानी आतंकियों की भूमिका उजागर की थी। मारे गए आतंकियों की शिनाख्त परवेज और बशीर अहमद से भी कराई जा सकती है। Pahalgam Terror Attack | jammu and kashmir terror attack|
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