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Amit Shah के बयान पर P Chidambaram का पलटवार, बोले – अफजल गुरु के मामले में झूठ फैला रहे गृह मंत्री

पी. चिदंबरम ने गृह मंत्री अमित शाह के उस बयान का खंडन किया है, जिसमें शाह ने अफजल गुरु को फांसी देने में देरी का आरोप कांग्रेस सरकार पर लगाया था। चिदंबरम ने कहा कि शाह का बयान झूठ और विकृत तथ्यों पर आधारित है।

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Ranjana Sharma
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नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क: अफजल गुरु को फांसी देने में कथित देरी को लेकरगृह मंत्री अमित शाह की राज्यसभा में की गई टिप्पणी पर सियासी घमासान तेज हो गया है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व गृह मंत्री पी. चिदंबरम ने गुरुवार को शाह पर तीखा हमला बोलते हुए कहा कि उन्होंने सदन में झूठ बोला और जानबूझकर तथ्यों को तोड़-मरोड़कर पेश किया।

अफजल की पत्नी ने राष्टपति के समक्ष दया याचिका दायर की थी

गौरतलब है कि अमित शाह ने बुधवार को राज्यसभा में बोलते हुए कहा था कि जब पी. चिदंबरम देश के गृह मंत्री थे, तब तक संसद हमले के दोषी अफजल गुरु को फांसी नहीं दी गई। उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस की सरकार ने इस मामले में जानबूझकर देरी की। इस पर पलटवार करते हुए चिदंबरम ने एक लिखित बयान जारी कर कहा, "गृह मंत्री अमित शाह का बयान केवल आक्षेप नहीं, बल्कि पूरी तरह झूठ और विकृत तथ्यों का मिश्रण है। उन्होंने विस्तार से जानकारी देते हुए बताया कि अफजल गुरु की पत्नी ने अक्टूबर 2006 में राष्ट्रपति के समक्ष दया याचिका दायर की थी। इसके बाद यह याचिका राष्ट्रपति भवन में लंबी प्रक्रिया से गुजरी और आखिरकार 3 फरवरी 2013 को खारिज की गई।

संवैधानिक प्रक्रिया को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता

चिदंबरम ने आगे कहा कि अफजल गुरु को 9 फरवरी 2013 को फांसी दी गई, जबकि मैंने 1 दिसंबर 2008 से 31 जुलाई 2012 तक गृह मंत्री के रूप में कार्य किया। इस पूरी अवधि के दौरान दया याचिका राष्ट्रपति के पास लंबित थी। कानूनन जब तक राष्ट्रपति दया याचिका पर निर्णय नहीं लेता, तब तक सजा पर अमल नहीं किया जा सकता। यह एक संवैधानिक प्रक्रिया है, जिसे नजरअंदाज नहीं किया जा सकता।

देश को वास्तविक मुद्दों पर बहन की जरूरत 

पूर्व गृह मंत्री ने यह भी जोड़ा कि गृह मंत्री के रूप में उन्होंने कभी भी दया याचिका को प्रभावित करने या रोकने का प्रयास नहीं किया। उन्होंने अमित शाह पर आरोप लगाया कि वे राजनीतिक लाभ के लिए संवेदनशील मुद्दों पर झूठी बयानबाज़ी कर रहे हैं। चिदंबरम ने भाजपा पर हमला करते हुए कहा, "आज जब देश को वास्तविक मुद्दों पर बहस की ज़रूरत है – जैसे महंगाई, बेरोज़गारी और सामाजिक तनाव तब सत्ताधारी पार्टी जानबूझकर पुराने मामलों को उछाल रही है ताकि जनता का ध्यान भटकाया जा सके।

अमित शाह से बयान पर माफी मांगने की मांग की 

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राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह बयानबाज़ी संसद के मौजूदा सत्र में विपक्ष और सरकार के बीच टकराव को और बढ़ा सकती है। वहीं, कांग्रेस ने भी चिदंबरम के समर्थन में मोर्चा खोल दिया है और अमित शाह से अपने बयान पर माफी की मांग की है। अब देखना यह है कि अमित शाह या भाजपा की ओर से इस पर क्या प्रतिक्रिया आती है, लेकिन इतना तय है कि अफजल गुरु का मामला एक बार फिर राजनीति के केंद्र में आ गया है, और इस पर सियासी तूफान थमने के आसार फिलहाल कम ही हैं। amit shah bjp

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