नई दिल्ली, वाईबीएन नेटवर्क। सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में पहलगाम हमले की जांच को लेकर याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि ऐसी याचिका का कोई मतलब नहीं है। ऐसी याचिकाएं दाखिल नहीं होनी चाहिएं। पहलगाम हमले पर सुप्रीम कोर्ट में याचिका या सुनवाई का कोई तुक नहीं है। आतंकवाद के खिलाफ पूरा देश, विधायी, कार्यपालिका और न्यायपालिका, सब एकजुट हैं। न्यायमूर्ति सूर्यकांत ने याचिकाकर्ता से कहा कि याचिका दाखिल से पहले मामले की संवेदनशीलता तो समझी होती। उन्होंने कड़ी फटकार लगाते हुए याचिका को खारिज कर दिया।
न्यायिक जांच की मांग की थी
सुप्रीम कोर्ट ने पहलगाम आतंकी हमले की न्यायिक जांच की मांग वाली जनहित याचिका को खारिज करते हुए याचिकाकर्ताओं को फटकार लगाई। कोर्ट ने कहा कि जज आतंकी मामलों के विशेषज्ञ नहीं हैं। सुप्रीम कोर्ट ने पहल आतंकी हमले की न्यायिक जांच की मांग करने वाली जनहित याचिका (PIL) पर सुनवाई से इनकार कर दिया है। इस आतंकी हमले में 26 निर्दोष लोगों की हत्या हुई थी, जिसने पूरे देश को झकझोर दिया था।
कोर्ट का सख्त रुख: “जज आतंकी मामलों के विशेषज्ञ नहीं”
जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ताओं को फटकार लगाते हुए कहा कि, “क्या आप सुरक्षा बलों का मनोबल गिराना चाहते हैं?” कोर्ट ने स्पष्ट किया कि जज आतंकवाद की जांच के विशेषज्ञ नहीं होते और इस तरह के मुद्दों को न्यायिक क्षेत्र में लाना ठीक नहीं है। कोर्ट ने यह भी कहा कि इस संवेदनशील समय में देश के हर नागरिक को आतंकवाद के खिलाफ एकजुट रहना चाहिए। ऐसे मामलों में न्यायपालिका को राजनीतिक या भावनात्मक बहस का केंद्र नहीं बनाना चाहिए।
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