पहलगाम, वाईबीएन नेटवर्क। जम्मू-कश्मीर एक बार फिर आतंकियों के हमले से दहल उठा है। पहलगाम में आतंकियों के द्वारा पर्यटकों पर किए गए हमले में 10 पर्यटक और 2 स्थानीय लोग घायल हो गए, एक की मौत हो गई है। इस आतंकी हमले की जिम्मेदारी आतंकी संगठन TRF ने ली है। आतंकी पुलिस की वर्दी में थे और उनकी संख्या दो से तीन बताई जा रही है। माना जा रहा है कि इस हमले का मकसद पर्यटकों को निशाना बनाना था। TRF ने हमले की जिम्मेदारी लेते हुए कहा है कि सरकार ने 85,000 बाहरी लोगों को जम्मू-कश्मीर में बसाया है, जो पहले पर्यटक बनकर आते हैं और फिर स्थायी रूप से बस जाते हैं। TRF का दावा है कि यह हमला इसी के विरोध में किया गया है।
जानिए कौन है TRF?
TRF यानी ‘द रेजिस्टेंस फ्रंट’ एक आतंकी संगठन है, जो 2019 में अस्तित्व में आया। कम समय में ही इस संगठन ने कई बड़े आतंकी हमलों को अंजाम दिया। हालांकि, ‘द रेजिस्टेंस फ्रंट’ वास्तव में पाकिस्तान समर्थित आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा (LeT) का ही एक मुखौटा संगठन है। लश्कर-ए-तैयबा को पाकिस्तानी सरकार के सहयोग से बढ़ावा मिला है और अब वही समर्थन TRF को भी मिल रहा है। TRF का नाम गैर-कानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम (UAPA) के तहत वर्ष 2023 में प्रतिबंधित संगठनों की सूची में डाला गया था। यह संगठन सुरक्षाबलों और आम नागरिकों की हत्याओं की साजिश रचने, हथियारों और आतंकियों की तस्करी, आतंकियों की भर्ती और पूरे देश में नशीले पदार्थों की तस्करी जैसे अपराधों में संलिप्त रहा है।
गैर-कश्मीरियों को निशाना बनाना TRF की रणनीति
TRF का मकसद जम्मू-कश्मीर में 90 के दशक जैसा आतंक का माहौल फिर से बनाना है। इस संगठन का फोकस टारगेट किलिंग पर रहता है, खासकर गैर-कश्मीरियों को निशाना बनाया जाता है ताकि बाहरी राज्यों के लोग जम्मू-कश्मीर आने से डरें। 2020 में TRF ने कुलगाम में बीजेपी कार्यकर्ताओं फिदा हुसैन, उमर राशिद बेग और उमर हाजम की बेरहमी से हत्या कर आतंक का संदेश देने की कोशिश की थी।