कराची में उतरा turkish aircraft, अगले दिन India पर ड्रोन हमला, जानें क्या है कनेक्शन?
8-9 मई की रात पाकिस्तान ने भारत के खिलाफ तुर्की से प्राप्त ड्रोन का इस्तेमाल करते हुए 36 स्थानों पर लगभग 300-400 ड्रोन भेजे। इसका उद्देश्य भारतीय एयर डिफेंस सिस्टम की जांच करना और खुफिया जानकारी इकट्ठा करना था।
नई दिल्ली, वाईबीएन नेटवर्क: भारत के खिलाफ 8 और 9 मई की रात पाकिस्तान द्वारा किए गए हमले में तुर्की से प्राप्त ड्रोन का इस्तेमाल कर रहा है। विदेश मंत्रालय की प्रेस कॉन्फ्रेंस में इसका खुलासा हुआ, जहां बताया गया कि पाकिस्तान ने एक सोची-समझी रणनीति के तहत इन ड्रोन का इस्तेमाल कर भारत के एयर डिफेंस सिस्टम को भेदने और खुफिया जानकारी जुटाने की कोशिश की।
कराची में उतरा तुर्की का कार्गो विमान
हमले से एक दिन पहले तुर्की का एक कार्गो विमान कराची पोर्ट पर उतरा, जिससे संदेह और भी गहराता है कि इसी विमान के जरिए तुर्की निर्मित ड्रोन पाकिस्तान पहुंचाए गए। अगले ही दिन पाकिस्तान ने भारत पर ड्रोन हमला किया। आतंकवाद के खिलाफ भारतीय सैन्य कार्रवाई "ऑपरेशन सिंदूर" के बाद पाकिस्तान ने जवाबी कार्रवाई में 8 और 9 मई की रात को 36 भारतीय ठिकानों पर लगभग 300–400 ड्रोन भेजे। ये ड्रोन पश्चिमी सीमाओं और नियंत्रण रेखा (LoC) के पास से भारत में दाखिल हुए। भारतीय सेना ने इनमें से कई को एयर डिफेंस सिस्टम के जरिए मार गिराया।
क्यों चुना पाकिस्तान ने इसी ड्रोन को?
‘सोंगार’ तुर्की का पहला स्वदेशी सशस्त्र ड्रोन सिस्टम है, जिसे अंकारा की रक्षा कंपनी Asisguard ने विकसित किया है। यह ड्रोन 2019 से तुर्की की सेना में सेवा में है और इसकी खासियतें इसे सीमाओं के आर-पार की जासूसी और हमलों के लिए बेहद उपयुक्त बनाती हैं।
सोंगार की प्रमुख क्षमताएं
5 किमी तक रियल-टाइम वीडियो ट्रांसमिशन की क्षमता
45 किलोग्राम तक वजन ले जाने की शक्ति
81 मिमी मोर्टार, मिनी मिसाइल, और ऑटोमैटिक मशीन गन से लैस
डेलाइट और इन्फ्रारेड कैमरों से लैस, दिन-रात और हर मौसम में ऑपरेशन संभव
ग्रुप में उड़ान भरने और अलग-अलग दिशाओं से हमला करने की क्षमता
ग्राउंड कंट्रोल से 3–5 किमी की ऑपरेशनल रेंज
समुद्र तल से 2,800 मीटर की ऊंचाई तक संचालन संभव
सेना ने किया तगड़ा पलटवार
भारतीय वायुसेना की विंग कमांडर व्योमिका सिंह ने बताया कि हमले के जवाब में भारत ने पाकिस्तान की चार एयर डिफेंस साइट्स पर सशस्त्र ड्रोन लॉन्च किए, जिनमें से एक ने पाकिस्तानी रडार सिस्टम को नष्ट कर दिया। वहीं कर्नल सोफिया कुरैशी ने कहा कि पाकिस्तान ने जम्मू-कश्मीर में उरी, पुंछ, राजौरी, अखनूर और उधमपुर जैसे क्षेत्रों में भारी हथियारों और ड्रोन से हमला करने की कोशिश की।एक पाकिस्तानी सशस्त्र UAV ने बठिंडा मिलिट्री स्टेशन को भी निशाना बनाने की कोशिश की, जिसे भारतीय एयर डिफेंस ने इंटरसेप्ट कर हवा में ही नष्ट कर दिया।विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने चेतावनी दी कि पाकिस्तान ने हमले के दौरान अपने हवाई क्षेत्र को बंद नहीं किया और नागरिक विमानों को जानबूझकर ढाल के रूप में इस्तेमाल किया, जिससे अंतरराष्ट्रीय एयर ट्रैफिक को भी खतरा हुआ।
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