Panchkula Suicide Case: प्रवीण मित्तल के आखिरी शब्द और 7 जिंदगियों की दर्दनाक कहानी
पंचकूला में एक ही परिवार के 7 लोगों की आत्महत्या से सनसनी। आर्थिक तंगी से परेशान Praveen Mittal मरने से पहले क्या बोले। जानिए 7 जिंदगियों की दर्दनाक कहानी।
नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क। Panchkula Suicide Case: सेक्टर-27 की सड़कों पर प्रवीण मित्तल की आवाज लोगों के कानों में गूंज रही है। दम तोड़ने से पहले प्रवीण मित्तल ने कहा था कि वह आर्थिक तंगी से यह कदम उठाने को मजबूर हुए हैं, किसी ने मदद नहीं की। परिवार के सभी लोगों के साथ मैनें भी जहर खा लिया है, कुछ ही देर में मेरी मौत हो जाएगी, पूरा परिवार जा चुका है, मैं भी जा रहा हूं।
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प्रत्यक्षदर्शी पुनीत राणा ने क्या बताया
पुनीत राणा ने बताया- 42 वर्षीय प्रवीण मित्तल कार के पास बेहोशी की हालत में बैठे थे, जहां उनकी पत्नी, माता-पिता और तीन बच्चों के शव पड़े थे। चंद पलों बाद प्रवीण भी हमेशा के लिए गिर पड़े। जैसे- तैसे सभी को अस्पताल पहुंचाया गया, जहां सभी सातों सदस्यों को मृत घोषित कर दिया गया। स्थानीय लोगों को लगा था कि परिवार किसी धार्मिक आयोजन के बाद आराम कर रहा है, लेकिन जब कार के अंदर उल्टी और बेहोशी के लक्षण दिखे तो पुलिस को सूचना दी गई। इसके बाद जो सामने आया, वह दिल दहला देने वाला था।
पुलिस को घटनास्थल से एक सुसाइड नोट मिला है, जो प्रवीण मित्तल ने लिखा था। उसमें उन्होंने आत्महत्या की जिम्मेदारी खुद ली और किसी अन्य को दोषी नहीं ठहराने की बात भी कही। नोट में यह भी लिखा था कि वे भारी कर्ज में डूबे थे और कोई मदद नहीं मिली।
'हम कर्ज में हैं, कोई मदद नहीं मिली...'
घटना के चश्मदीद पुनीत राणा ने बताया, “मैंने प्रवीण मित्तल को कार के पास जमीन पर बैठे और परिवार के अन्य सदस्यों को बेहोशी जैसी हालत में कार में देखा था। पूछने पर प्रवीण ने बताया कि वे बागेश्वर धाम कथा से लौट रहे हैं और होटल नहीं मिला, इसलिए यहीं रुके हैं। जब दोबारा देखा तो सबके मुंह से झाग निकल रहा था। उसके प्रवीण ने कहा कि हम कर्ज में हैं, कोई मदद नहीं मिली, इसलिए मर रहे हैं।”
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Photograph: (IANS)
परिवार की आर्थिक स्थिति बेहद खराब थी
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परिवार की रिश्तेदारों के मुताबिक मित्तल परिवार पिछले कुछ महीनों से साकेत्री में रह रहा था। प्रवीण मित्तल टैक्सी सर्विस का काम शुरू किया था लेकिन भारी घाटा झेल रहे थे। प्रवीण के ससुर राकेश ने बताया कि वे कई करोड़ रुपये के कर्ज में थे। रिश्तेदार संदीप अग्रवाल ने बताया कि इससे पहले परिवार ने बद्दी में फैक्ट्री, कार और फ्लैट भी छोड़ दिए थे। परिवार हिसार का मूल निवासी था और करीब 15-20 करोड़ रुपये का कर्ज उन पर बताया जा रहा है।
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