/young-bharat-news/media/media_files/2025/07/02/parliament-security-lapse-case-2025-07-02-13-05-55.jpg)
File Photo Photograph: (Google)
00:00/ 00:00
नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क। Delhi High Court News: संसद सुरक्षा चूक के सनसनीखेज मामले में दिल्ली उच्च न्यायालय ने बुधवार को दो आरोपियों नीलम आजाद और महेश कुमावत को सशर्त जमानत दे दी है। यह फैसला न्यायमूर्ति सुब्रमण्यम प्रसाद और न्यायमूर्ति हरीश वैद्यनाथन शंकर की खंडपीठ ने सुनाया है। अदालत ने दोनों को 50,000 रुपये के निजी मुचलके और इतनी ही राशि की दो जमानतों पर रिहा करने के आदेश दिए हैं। साथ ही यह सख्त निर्देश भी दिया है कि वे इस मामले से संबंधित कोई इंटरव्यू न दें और न ही सोशल मीडिया पर कोई टिप्पणी करें। बता दें कि मामले में कुल छह लोगों की गिरफ्तारी हुई थी। हाईकोर्ट ने इनमें से दो लोगों को सशर्त जमानत दे दी है।
जानिए क्या है पूरा मामला
Parliament security lapse case: यह मामला 13 दिसंबर, 2023 का है। उस दिन संसद परिसर में हुई बड़ी सुरक्षा चूक सामने आई थी। बता दें कि 2001 में 13 दिसंबर को ही संसद पर आतंकी हमला हुआ था। 2023 में हुई इस घटना के अनुसार, आरोपी सागर शर्मा और मनोरंजन डी. ने लोकसभा की दर्शक दीर्घा से कूदकर सदन के अंदर पीली गैस छोड़ी और नारेबाजी की। वहीं, नीलम आजाद और अमोल शिंदे ने संसद भवन के बाहर रंगीन गैस का स्प्रे करते हुए "तानाशाही नहीं चलेगी" जैसे नारे लगाए थे। इस मामले में पहले निचली अदालत ने जमानत याचिका खारिज कर दी थी। बुधवार को मामले में जमानत पर सुनवाई करते हुए दिल्ली उच्च न्यायालय ने नीलम आजाद और महेश कुमावत को सशर्त जमानत दे दी।
आतंकी पन्नू ने दी थी हमले की धमकी
अभियोजन पक्ष ने अदालत को बताया कि सागर शर्मा और मनोरंजन डी शून्य काल में सार्वजनिक गैलरी से लोकसभा में कूदे थे और अपने साथ लाए गए कनस्तरों से पीली गैस छोड़ते हुए नारेबाजी की थी। हालांकि कुछ सांसदों ने तत्परता दिखाते हुए इन्हें काबू कर लिया था। ठीक उसी समय संसद परिसर के बाहर अमोल शिंदे और नीलम आजाद ने भी रंगीन गैस का स्प्रे करते हुए सरकार के खिलाफ नारेबाजी की थी। अभियोजन पक्ष ने अदालत को यह भी बताया कि आतंकी गुरवंत सिंह पन्न ने 13 दिसंबर, 2023 को संसद हमले की बरसी पर संसद पर हमला करने की धमकी दी थी और सभी आरोपियों को इस बात की जानकारी भी थी। पुलिस ने सागर शर्मा, मनोरंजन डी, नीलम आजाद और अमोल शिंदे को मौके पर ही गिरफ्तार कर लिया था जबकि झा और महेश कुमावत को बाद में गिरफ्तार किया गया था।